झुंझुनू-सूचना नहीं देना भ्रष्टाचार की आशंका को मजबूत करता है : जाट-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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झुंझुनू।सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना मांगने वाले अधिकतर लोगों को मालूम ही नहीं है कि क्या सूचना मांगी जा सकती है तथा ऐसी सूचना का क्या उपयोग कर सकते हैं।फिर भी सरकारी कारिंदे आवेदन से डरकर उटपटांग हरकतें कर बैठते हैं।
गत 6 माह के दौरान जिले की पंचायती राज संस्थाओं को प्राप्त आरटीआई के 300 आवेदनों का जिला परिषद द्वारा परीक्षण करवाने पर पाया गया कि 40% आवेदक ग्राम पंचायत के संपूर्ण रिकॉर्ड या 5 साल के दौरान करवाए गए सभी कार्यों की सूचना मांगी गई है।सूचना अधिकारी के रूप में ग्राम पंचायत के सचिवों ने संपूर्ण रिकॉर्ड की फोटो कॉपी खर्चे के रूप में 40 से 50 हजार मांगे तो आवेदक शांत हो गए।30% लोगों ने शिकायत या प्रश्नावली के रूप में सूचना मांगी जो स्पष्ट न होने के कारण ग्राम सचिवों द्वारा मना कर दी गई है।20% मामलों में ग्राम पंचायतों की सूचना में पंचायत समितियां जिला परिषद से मांगने पर आवेदन स्थानांतरित कर टरका दिया गया।शेष 10% मामलों में जानबूझकर भ्रमित करने वाली सूचनाएं देकर पीछा छुड़ाने का प्रयास किया गया।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट जो जिले की तीनों स्तरों की पंचायती राज संस्थाओं के प्रभारी हैं तथा सूचना के अधिकार कानून को मजबूत बनाना चाहते हैं,उन्होंने जिले के समस्त विकास अधिकारियों,सरपंच,सचिवों को सावचेत किया है कि वह पंचायत के कार्यकलापों को पब्लिक डोमेन पर प्रकाशित करा देवें।
सीईओ रामनिवास जाट ने अपने अधीनस्थ समस्त लोक सूचना अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि आरटीआई या पंचायती राज नियम 321 से 328 के तहत सूचना लेने का आवेदन प्राप्त होते ही उसे रजिस्टर में दर्ज कर उसी समय उपलब्ध सूचनाएं दे दी जावे।यदि किसी लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदक को भ्रमित किया जाने की शिकायत जिला स्तर पर प्राप्त होती है तो ऐसे लोक सेवक को कानून की अवहेलना के लिए दोषी मानकर सीधे ही अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी तथा पंचायत का समस्त रिकॉर्ड जिला परिषद में मंगवाकर गड़बड़ी की तलाश की जाएगी।लोक सेवक द्वारा सूचना नहीं देना भ्रष्टाचार की आशंका को मजबूत करता है। गत 2 माह के दौरान सूचना नहीं देने या भ्रमित सूचना देने के मामलों में जिला परिषद द्वारा 8 सचिवों के विरुद्ध 17 सी सी ए की कार्यवाही शुरू की गई है तथा ऐसी पंचायतों के रिकॉर्ड की जांच के लिए जिला स्तर से समिति गठित की गई है।

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