झुंझुनू-गायकी का ध्रुवतारा है जाकिर अब्बासी-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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गायकी का ध्रुवतारा है जाकिर अब्बासी

झुंझुनू। यूं तो दुनिया में इंसान का
हजारों वर्षों से आने ओर जाने का
क्रम चलता रहता है। लेकिन हर
आने-जाने वाला अपनी एक पहचान से
जरूर जाना जाता है। इसी कड़ी में शेखावाटी के गायक जाकिर अब्बाशी दिलबर ने गायकी में अपने नाम की पहचान बनाई है। बुजुर्ग कहते है कि पहचान उसके नाम को मिलती है, जिसके परिवार के पास या तो धन दौलत हो या फिर राजनीति में मजबूत पकड़ परन्तु जाकिर के पास तो अपनी आवाज और संगीत के शौकीन लोगों के आशीर्वाद के सिवाय ना धन है और ना ही राजनीति की पकड़ फिर जनता के दिलों में जगह मिली है तो जाकिर के सुर-लय और ताल के संगम से जाकिर को ईटीवी राजस्थान के लोक यात्रा में गाने का मौका मिला।1996 में दूरदर्शन को गुदगुदी अंताक्षरी में गायन के विजेता रहे। स्टार प्लस में साल 2002 में चलती का नाम अंताक्षरी के विजेता बने। इंडियन आइडल-6 सोनी टीवी के टॉप-100 में शामिल रहे मोहम्मद रफी,मुकेश,किशोर दा के गाने रिकॉर्डर पर लगा लेता और साथ में गुनगुना
शुरू कर देता। सीखने का भले ही
कहीं मौका ना मिला हो, लेकिन
आज जाकिर गायकी में आमजन की
पंसद है। सरकारी कार्यक्रमों में तो हर
अधिकारी की पहली पसंद है जाकिर अब्बासी।जाकिर अब्बासी पार्श्वगायक मोहम्मद रफी को मानते हैं अपना आदर्श वहीं रफी साहब के गाए तराने ही उन्हें पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित हुए है।जाकिर अब्बासी बचपन से ही गानों से इतने प्रभावित रहे हैं अपने स्कूली दिनों के समय में बाल मंच साझा करने लगे थे वही होश संभालने के बाद रात को 8 बजे रेडियो पर आने वाले बिनाका गीतमाला को अपने चारपाई पर साथ लेकर सुनते थे और बिनाका गीतमाला सुनते सुनते कब नींद आ जाती थी उन्हें मालूम नहीं होता था यहीं जुनून जाकिर को ले आया पार्श्वगायन के क्षेत्र में। बिनाका गीतमाला की यह दीवानगी ही उन्हें गायक बनाने में सहायक रही ऐसा मानते हैं आज शेखावाटी में सुप्रसिद्ध गायककारों में शुमार जाकिर अब्बासी दिलबर।दूरदर्शन के जमुनिया प्रोग्राम में बतौर गायक के साथ अभिनय का जलवा भी 2015 में दिखा चुके हैं।जमुनिया में सफल अभिनय व गायन के लिए उन्हें 2015 में सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिल्ली में सम्मानित किया गया था। जाकिर अब्बासी ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि गायकी के क्षेत्र में पिछले दिनों अद्भुत बदलाव आया कराओके को लेकर कराओके के अनुरूप अपने को ढालने के लिए लगभग 3 महीने रियाज करते हुए सफलता पाई और आज कराओके गायन में इस कदर प्रसिद्ध हो गए की हररोज गायकी के लिए ऑफर आने लगे। राजस्थान के विभिन्न जिलों में जाकिर अब्बासी अपनी मधुर आवाज के द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर चुके हैं वहीं जाकिर अब्बासी को राजस्थान के अलावा अन्य प्रदेशों में भी लोग आयोजन हेतु आमंत्रित करते रहते हैं जाकिर राजस्थान के अलावा बेंगलुरु,दिल्ली, हरियाणा,उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सफल आयोजन कर चुके हैं। जाकिर अब्बासी बताते हैं कि उन्हें एक दफा विदेश से भी संदेश प्राप्त हुआ और वहां अपने पार्श्व गायन का जलवा दिखाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था लेकिन अपने निजी कारणों से वह उस प्रोग्राम में नहीं जा सके जिसका उन्हें आज भी मलाल है जाकिर अब्बासी की खास बात यह है कि वह सिर्फ फिल्मी गाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि भजन, ग़ज़ल, राजस्थानी, हिंदी गीतों के अलावा सूफी संगीत में भी काफी पारंगत है फिल्मों में गायकी के क्षेत्र में अपनी गुंजाइश को टटोल से हुए अब्बासी ने मुंबई के कई स्टूडियो में 1992 में दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन उस समय फिल्मों में कोई चांस नहीं मिल पाया था अब पुनः फिल्मों में गीत गायन को लेकर उत्साहित है।लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही वह किसी ने किसी फिल्म में अपनी आवाज के जरिए एंट्री अवश्य करेंगे। जाकिर अब्बासी शेखावाटी में अन्य कई प्रतिभा को भी तराशने का काम कर रहे हैं गायकी के क्षेत्र में वह परीक्षण भी दे रहे हैं लेकिन लोक कला एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा उदीयमान कलाकारों को कोई संरक्षण सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है इस बाबत उनके दिल में मलाल अवश्य है कि सरकार को उदीयमान गायक कलाकारों के लिए लोक कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए लोक कलाकारों के लिए सरकारी स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध हो। जाकिर अब्बासी के तीन भाई एक बहन है जाकिर के बड़े भाई मेडिकल शॉप चलाते हैं वही छोटा भाई एमबीबीएस डॉक्टर है अब्बासी के पिता रिटायर्ड हेड मास्टर रहे हैं उन्हें घर से भी पूरा सहयोग मिलता है गायकी के लिए वह आज भी प्रतिदिन रियाज करना नहीं छोड़ते हैं अभी पिछले दिनों देश में हुए लोकसभा के आम चुनाव में मतदाता मतदान प्रतिशत बढ़ाने हेतु मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एक स्वयं की आवाज में स्वयं द्वारा लिखा गीत भी काफी चर्चा में रहा है जाकिर अब्बासी यूं तो हर प्रकार के गीत गाने में पारंगत है वही उनका अपना स्वयं का पसंदीदा गीत हीरो फ़िल्म में गाया गया ‘लम्बी जुदाई’ लोग बताते हैं लंबी जुदाई फिल्म में सुना जाए या ऑडियो कैसेट पर या जाकिर अब्बासी के मुख से कहीं कोई फर्क महसूस नहीं होता है ऐसा नहीं लगता है कि यह फिल्म में फिल्माया गीत सुनाई दे रहा है या जाकिर अब्बाशी द्वारा गाया जा रहा है। गायकी का अंदाज वही नजर आता है। जाकिर दिलबर से लोग अधिकतर इसी गाने व इसके अलावा लता मंगेशकर द्वारा गाया गया ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत को सुनने की चाहत रखते हैं जाकिर अब्बासी को क्रिकेट में भी खासी रुचि रखते है अब्बासी क्रिकेट में महेंद्र अमरनाथ व रवि शास्त्री के मुरीद हैं जाकिर अब्बासी बताते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा चर्चित करने में लम्बी जुदाई व अत्ताउल्लाह खान द्वारा गाया गया अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का काफी सहयोग है इनकी बदौलत ही मुझे अच्छी पहचान मिली, बुलंदियों पर पहुंचाया वही फिल्मों में साधारण परिवारिक फिल्मों के शौकीन हैं।अब्बासी की आवाज ही अपने आप में एक पहचान है उनकी दमदार आवाज का हर कोई कायल है गायकी में चमकता हुआ ध्रुवतारा माना जाता है शेखावाटी क्षेत्र में वही श्रोताओं द्वारा उन्हें दिलबर के नाम से पुकारा जाता है।

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