राजस्थान हाई कोर्ट से मिली ग्रामीणों को राहत-आँचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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पिलानी निकटवर्ती बास बिजौली गांव की जोहड़ में गरीब किसानों के बने हुए पक्के मकानों को यथावत रखने का अंतरिम आदेश राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर के जज संजय प्रकाश शर्मा की बेंच द्वारा ग्रामीणों को राहत देते हुए दिया। ग्रामीणों की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता मोहित बलवदा व अधिवक्ता ईशान मिश्रा ने पैरवी की। अधिवक्ता मोहित बलवदा ने पैरवी करते हुए कहा उक्त प्रकरण में हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल की अध्यक्षता करते हुए तत्कालीन कलेक्टर रवि जैन ने ग्रामीणों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा की जोहड में जो पक्के मकान बने हुए हैं ग्रामीणों के पास अब अन्यत्र कोई रहने का स्थान नहीं है तो पक्के मकानों को छोड़कर कच्चे अतिक्रमण को हटा दिया जावे। अधिवक्ता मोहित बलवदा ने बताया कि शिकायतकर्ता ने उक्त आदेश के बाद अब दोबारा इसी मामले को लेकर वर्तमान कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हुआ और इस पर वर्तमान अतिरिक्त कलेक्टर ने सूरजगढ़ तहसीलदार को जोहड़ में बने हुए अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया जबकि उक्त मामले का निस्तारण राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशन में कलेक्टर के अध्यक्षता में पहले ही हो चुका है। इसी संबंध में बास बिजौली के सुखदेव,बजरंग लाल,सत्यनारायण,जिले सिंह,सत्यवीर सिंह इत्यादि की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट में अधिवक्ता मोहित बलवदा ने एक याचिका दायर की गई और उन्होंने ने दलील देते हुए कहा कि इस मामले को पूर्व कलेक्टर ने ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पहले ही फैसला दे चुके है जिसमें कलेक्टर ने पक्के मकानों को छोड़कर अन्य अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था तो अब दोबारा शिकायत से ऐसा प्रतीत होता है की इसका मकसद सिर्फ और सिर्फ गरीब किसानों को बेवजह परेशान करने का इरादा है।जबकि इनके पास वर्तमान आवास के अलावा अन्यत्र कोई रहने का आसरा नहीं है। अधिवक्ता मोहित बलवदा ने दलील देते हुए कहा की ग्रामीण इस जगह पर 40 से 50 साल से रह रहे हैं लोगों ने अपना अधिकतर जीवन यहां बिता दिया है ऐसे में अब यह कहां जाएंगे।इस पर उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त कलेक्टर के 29 जून के कार्यवाही आदेश पर आगामी आदेश तक यथा स्थिति रखने के अंतरिम आदेश देते हुए ग्रामीणों को राहत प्रदान की।

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