हिंदी दिवस पर मुजाहिद चौधरी ने कहा की हिंदी बोलना व लिखना गर्व का विषय है,शर्म का नहीं-
भविष्य दर्पण संस्था द्वारा नगर के प्रतिष्ठित विद्यालय पुरुषोत्तम शरण राममूर्ति सरस्वती कन्या इण्टर कॉलेज हसनपुर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर मुजाहिद चौधरी एडवोकेट ने भाग लिया ।अक्षिअग्रवाल,सौरभ गुप्ता विद्यालय की प्रधानाचार्या अंकिता शर्मा मुख्य वक्ता रही । संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी,कवि एवं साहित्यकार एडवोकेट मुजाहिद चौधरी ने कहा कि हिंदी भाषा विश्व की किसी अन्य भाषा से कमतर नहीं है ।उन्होंने कहा कि हिंदी बोलने में शर्म महसूस ना करें,बल्कि गर्व महसूस करें । उन्होंने स्वरचित हिंदी पंक्तियों से सभी श्रोताओं के ह्रदय में एक नई ऊर्जा का संचार किया । उन्होंने कहा
*जान से प्यारी लगती है जानी पहचानी लगती है । अपनी हिंदी की सारी दुनिया दीवानी लगती है ।। हिंदी पढ़ना हिंदी लिखना अच्छा लगता है । हिंदी अपनी जीवन शैली और कहानी लगती है ।। हिंदी से ही अपने गौरव और इतिहास को जाना है । हिंदी बचपन हिंदी योवन और जवानी लगती है ।। हिंदी अपनी जीवन गाथा हिंदी अपनी भाषा है । रिमझिम जैसी शीतल हिंदी शाम सुहानी लगती है ।। हिंदी से साहित्य हमारा अमर हुआ है दुनिया में ।
हिंदी अपनी संस्कृति की अमर निशानी लगती है ।। हिंदी के गीतों,लेखों से आजादी पाई हमने । नई नवेली दुल्हन सी इतिहास पुरानी लगती है ।।* विद्या भारती जिला संयोजक अक्षि अग्रवाल ने वर्तमान में हिंदी की उपयोगिता बताते हुए हिंदी के प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी रचना है। वहीं संस्था संरक्षक सौरभ गुप्ता ने संगोष्ठी में हिंदी की वर्तमान स्तिथि व भविष्य में हिंदी के उत्थान की उपयोगिता पर अपने विचार रखे । कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या अंकिता शर्मा ने वर्तमान शिक्षा के क्षेत्र में हिंदी भाषा कीआवश्यकता एवं उपयोगिता का बखूबी वर्णन किया । विद्यालय की छात्रा कु० छाया ने हिंदी से संबंधित अपने जीवन के अनुभवों को समस्त श्रोताओं के साथ साझा किया इस अवसर पर । सुमित कुमार सुमित सैनी,उज्जवल त्यागी व आयुष शर्मा ने विचार व्यक्त किए ।