झुंझुनू-राम के भक्त रहीम के बंदे,किसने ने रचे फरेब के फंदे-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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सैर सपाटे से लौटकर पार्षद आज चुनेगें सभापति

झुंझुनू।नगर निकाय चुनावों में जिले में पिलानी,बिसाऊ में अध्यक्ष पद व जिला मुख्यालय झुंझुनू में सभापति पद हेतु भाजपा अपने ही बुने फंदे में उलझ कर रह गई लगता है।निकाय चुनावों में जहां भाजपा शहरी सरकार बनाने के लिए झुंझुनू नगर परिषद में जहां सभी वार्डो में अपने प्रत्याशी उतारने में नाकाम रही।वहीं कांग्रेस पार्टी भी जानबूझकर कुछ वार्डो में अपनी रणनीति के तहत पार्षद प्रत्याशियों को खुला छोड़े रखा।

झुंझुनू नगर परिषद चुनावों में कांग्रेस टिकट पर 34 पार्षद जीत हासिल कर पाए। वहीं भाजपा केवल 10 पार्षद पद पर सिमट गई।सभापति हेतु 31 पार्षदों का होना जरूरी है।शहरी जनता को माना जाता है भारतीय जनता पार्टी समर्थक लेकिन इस बार शहरी जनता ने भाजपा को बुरी तरह से नकारने के पीछे निवर्तमान बोर्ड भाजपा का रहा जिसके कार्यकाल से जनता की काफी नाराजगी रही।जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा बीजेपी को नगर निकाय चुनावों में।रही सही कसर भाजपा ने अपने 10 जीते हुए पार्षदों में से सभापति पद के लिए टिकट ना देकर राम भक्तों ने निर्दलीय पार्षद जीतकर आई अल्पसंख्यक समुदाय की बतुला को देकर जो पार्टी की किरकिरी हुई है उसे देखकर शहर भर में चर्चा बलवती हो उठी राम के भक्तों ने रहीम के बंदे को टिकट देकर अपने व पार्टी के लिए खुद ही फंदा बुन लिया।राजनीति के जानकारों का मानना है कि भाजपा ने अंदर खाते उम्मीद पाले रखी की अल्पसंख्यक कार्ड खेल कर निर्दलीयों का समर्थन सहित कांग्रेस की भी क्रॉस वोटिंग करवाकर कांग्रेस को बोर्ड बनाने से वंचित रखा जा सकता है।

जबकि पिलानी नगर पालिका में महज 2 भाजपा पार्षद जीत हासिल कर पार्षद बने फिर भी भाजपा ने पालिकाध्यक्ष के अपने पार्षद पर भरोसा जताया साथ ही बिसाऊ नगर पालिका के लिए भी भाजपा पार्षद ही पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे है आखिर झुंझुनू में यह फरेब की गणित किसकी रची हुई है जनचर्चा का विषय बनी हुई है। लेकिन 16 निर्दलीय जो अपनी व्यक्तिगत छवि के कारण जीतकर आये हैं वह किसी अन्य निर्दलीय को समर्थन देकर क्यों भाजपाई होने का तमगा लगवाएंगे।

प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने से अपने वार्डो के काम भी करवाने की चाहत के चलते व पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी कांग्रेस क्रॉस वोटिंग को लेकर आशंकित जरूर नजर आ रही है वहीं भाजपा केवल खुद कहीं नजर नहीं आकर निर्दलीय बतुला पर आस लगाए बैठी है।जिसका परिणाम आज सैर सपाटे से लौटकर पार्षद मतदान करके बताएंगे साथ ही पटाक्षेप भी हो ही जायेगा भाजपा को इस रणनीति में क्या हासिल हुआ।

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