डीयू के श्रद्धानंद कॉलेज ने रचा इतिहास रणजी टीम के लिए दिए सात खिलाड़ी-आंचलिक ख़बरें-विजय कुमार

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नई दिल्ली, 11 फरवरी। दिल्ली की क्रिकेट में अहम भूमिका निभा रहा है दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत आने वाला बाहरी दिल्ली का श्रद्वानंद कालेज। इस कालेज ने दिल्ली ही नहीं, बल्कि अखिल भारतीय विश्वविद्यालयों खेलों मंे भी अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख डाला है।
कोरोना काल के उपरांत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने रणजी ट्रॉफी मुकाबले के लिए सभी राज्यों की टीमों को खेलने का आदेश दिया है। इसी के तहत दो दिन पहले दिल्ली की रणजी टीम में 22 खिलाडियों का चयन किया गया। इस टीम में सात ऐसे खिलाडी है, जोकि एक ही विश्वविद्यालय यानि की श्रद्वानंद कालेज के छात्र है। हालांकि क्रिकेट के अलावा कबडडी, साफटबाल, बेसबाल, बाल बैडमिंटन मंे भी इस कालेज व इसके खिलाडियों ने अपनी छाप बनाई है। दिल्ली की रणजी टीम को अपना पहला मैच असम में 17 फरवरी को खेलना है।
जहां तक क्रिकेट खेल की बात करें तो श्रद्वानंद कालेज ने दिल्ली ही नहीं हिमाचल, हरियाणा को भी कई प्रख्यात खिलाडी दिए है। दिल्ली टीम में जिन सात खिलाडियों को चुना गया है उसमें ललित रावत, अनुज रावत, यश ढुल, हिर्तिक शौकिन, प्रियंाश आर्य, लक्षय थरेजा व देव लाकरा है। इसके साथ हरियाणा के हिमांशु राणा व शिवम चौहान मुख्य खिलाडियों में से है। अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम में भी रहे अंकुश बैंस इसी कालेज के छात्र रह चुके है।
इस सफलता को लेकर कालेज के खेल प्रमुख प्रो; इंद्र मोहन दत्ता और उनके सहयोगी मोहित राणा ने बताया कि यह एक टीम वर्क का नतीजा है। क्रिकेट ही नहीं सभी खेलों को आगे बढाने के लिए कालेज के प्राचार्य डा प्रवीन गर्ग के साथ पूरा स्टाफ शामिल है, जिनके सहयोग के बिना यह सब संभव नहीं हो पाता।
ज्ञात हो कि इंद्र मोहन दत्ता के पिता ओ पी दत्ता भी हिंदू कालेज में खेलों के इंचार्ज रहे है। टेस्ट क्रिकेटर अजय जडेजा सहित सैकडों खिलाडी उनके शिष्य रहे है। हिन्दु कालेज में आज उनका छोटा भाई चंद्रशेखर दत्ता भी पिता की पारी को आगे ले जा रहा है।
यहीं नहीं श्रद्वानंद कालेज का एक इतिहास यह भी है कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय के इंटर कालेज क्रिकेट स्पर्धा का 8 साल से लगातार विजेता है। इसके अलावा दिल्ली के कितने छोटे-बडे क्रिकेट टूर्नामेंटस में अपना परचम लहरा चुका है।
1990 में खेल की विभाग की कमान संभालने वाले इंद्र मोहन दत्ता ने बताया कि आज दिल्ली ही नहीं उतर क्षेत्र का हर क्रिकेटर हमारे कालेज में दाखिला लेने की लालसा रखता है। लेकिन पिछले तीन वर्षो मंे कोरोना के कारण खिलाडियों को प्रतियोगिता का मौका नहीं मिल पाया है। लेकिन अब लॉकडाउन हटने के उपरांत उम्मीद है कि कालेज के एथलीट बेहतर प्रदर्शन कर देश और राज्य का नाम रोशन करने में सफल होंगे

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