झुंझुनू-54 वर्ष बाद हुआ 1965 में भारत-पाक युद्ध के शहीद की मूर्ति का अनावरण-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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>शहीद का परिवार आज भी सरकारी सहायताओं व पैकेज से वंचित है।

झुंझुनू। भारत पाकिस्तान के बीच हुई 1965 की लड़ाई में शहीद हुए झुंझुनू जिले के थली गांव के निवासी रामजीलाल सिराधना की मूर्ति का आज 54 वर्ष बाद अनावरण मुख्य अतिथि सैनिक कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर, सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया,खेतड़ी के पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर के हाथों हुआ।

अतिथियों ने शहीद वीरांगना सुगनी देवी का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम को प्रेम सिंह बाजोर ने संबोधित करते हुए कहा शहीद को भगवान की तरह पूजना चाहिए। कोई भी कार्य करने से पहले शहीद की मूर्ति पर धोक लगानी चाहिए जिससे वह काम अवश्य सिद्ध होगा। साथ ही उन्होंने कहा शादी विवाह में भी शहीद की मूर्ति पर धोक लगाकर ही बारात चढऩा चाहिए। विधायक सुभाष पूनिया ने शहीद मूर्ति के पास विधायक कोटे से सिंगल फेस बोरवेल लगाने की घोषणा की। उन्होंने झुंझुनू की धरा को वीर भूमि बताते हुए कहा यहां के कण-कण व बच्चे-बच्चे में देश भक्ति का जज्बा है पूर्व विधायक दाताराम गुर्जर ने वीर सैनिकों की वजह से ही हमारे देश के सीमाएं सुरक्षित है जिससे हम सुख चैन की जिंदगी जी रहे हैं।

शहीद के पौत्र महक सिंह ने आए हुए अतिथियों व ग्रामीणों का धन्यवाद प्रेषित किया। शहीद रामजीलाल सिराधना का जन्म 27 जुलाई 1944 को हुआ था।  27 मई 1963 को वो सेना में भर्ती हुए थे। सेना में जाने के दो साल बाद ही भारत पाकिस्तान की लड़ाई में 25 मई 1965 को शहीद हो गए। इस मूर्ति का निर्माण सैनिक कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर ने अपने खर्चे से करवाया है। कार्यक्रम में कैप्टन इंद्राज सिंह, सुमेर, रोहतास, रण सिंह,केसी गुर्जर, सूबेदार झाबरमल, एडवोकेट सत्यवीर, डॉ हरिसिंह, सत्यवीर, गिरवर सिंह तवर, रतन सिंह, राजपाल पंवार, मदन लाल,राजेंद्र जांगिड़ शहीद सैकड़ों लोग शामिल हुए।

54 साल बीत जाने के बाद भी थली के शहीद रामजीलाल का परिवार सरकार की सहायताओं व पैकेज से वंचित है। शहीद की वीरांगना सुगनी देवी ने बताया कि शहीद पैकेज की कोई सहायता अभी तक नहीं मिली है। पेंशन के सहारे ही घर चलाना पड़ रहा है। शहीद के पौत्र महक सिंह ने बताया कि बार-बार अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं। शहीद परिवार को जो नौकरी की घोषणा हुई थी वह अभी तक पूरी नहीं की गई है।

शहीद रामजीलाल सिराधना की मूर्ति बनाने वाले खुडानिया निवासी मूर्तिकार वीरेंद्र शेखावत ने लगभग 600 के करीब शहीद की मूर्तियां बना चुके हैं। मूर्तिकार अब तो खुद भी शहीदों को समर्पित हो चुके हैं भगवान की मूर्तियां भी बनाते हैं। लेकिन शहीद की मूर्ति बनवाने के लिए आते हैं तो पहले उनको बनाना वरीयता देते हैं मूर्तिकार ने बरेली के शहजानपुर में 104 फुट की हनुमान जी की मूर्ति भी बना चुके हैं इनको जनपथ रत्न अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।

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