झुंझुनू।चंद पैसों के लिए जहां भाई-भाई व दोस्तों के झगड़े हो रहे है वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो दूसरों के पैसों को अमानत समझकर उन्हें उसके मालिक तक पहुंचाने का पुरजोर प्रयास करते है। इन्हीं की बदौलत आज भी ईमानदारी जिंदा है।कलकत्ता से चलकर झुंझुनू विश्वप्रसिद्ध श्रीराणी सती दादी के दर्शन के लिये आने वाले भक्त यहां के टैक्सी चालकों के रविवार को कायल हो गये।माजरा था कलकत्ता के राजेंद्र चौधरी महाजन का जो,रोडवेज डिपो से मोतीसिंह की ढाणी निवासी हजारीलाल सैनी की टैक्सी में बैठ श्रीराणी सती मंदिर के लिए रवाना हुए।मंदिर के सामने जब वे उतरे तो जेब से निकलकर पैसे दिए और चल पड़े,पर्स गाड़ी में ही गिर गया। कुछ दूर जाने के बाद चालक लघुशंका के लिए उतरा व लघुशंका करने के बाद जैसे ही वापस मुड़ा तो पर्स पर उसकी नजर पड़ी। उसने उसे उठाया और खोलकर देखा तो उसमें 8500 रुपये,बैंक का क्रेडिट कार्ड, पहचान कार्ड,पैन कार्ड व अन्य जरूरी कागजात पर्स में मौजूद थे।चालक की ईमानदारी देखों,उलटे पांव श्रीराणी सती मंदिर गया और सवारी को खोजने में जुट गया। मंदिर के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी। तीन घंटे की मशक्कत के बाद पर्स का मालिक मंदिर मैनेजर विनोद शर्मा व अकाउंटेंट लक्ष्मीकांत शर्मा के पास आया और उसका पर्स उसे सुरक्षित मिला।मूल रूप से उदयपुरवाटी के छापोली निवासी हाल कलकत्ता राजेंद्र चौधरी ने पर्स मिलते ही टैक्सी चालक हजारी को गले लगा लिया और कहा कि मेरी मातृभूमि पर ईमानदारी जिंदा है।मैं सैल्यूट करता हूं झुंझुनू के टैक्सी चालक हजारी सैनी की ईमानदारी को,मातृभूमि को।