झुंझुनू। राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के मध्य चल रहा शीत युद्ध अब मुखर होने की कगार पर आ गया है। नगर निकाय चुनाव में हाईब्रिड प्रणाली लागू करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कड़ा एतराज जाहिर किया है। उन्होंने बिना संकोच के यह तक कह डाला है कि इस निर्णय को लेकर ना तो विधायकों से, ना केबिनेट में और ना ही संगठन में कोई चर्चा की गई है। जब वे महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे तब उन्हें अखबारों के जरिए इसकी जानकारी लगी।
झुंझुनू में आज एक किसान सम्मेलन में हिस्सा लेने आए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र को जिंदा रखने की बात करती है लेकिन इस प्रणाली के बाद लोकतंत्र जिंदा नहीं रह सकता। क्योंकि जो व्यक्ति पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकता, वो भी अध्यक्ष बनेगा। ऐसे में तो बैक डोर से एंट्री होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली ना तो व्यवहारिक है और ना ही राजनैतिक दृष्टिकोण से सही है। इस निर्णय को लेकर उन्होंने अपनी असहमति जता दी है और अब इसमें मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना है। पायलट द्धारा इस तरह का कड़ा एतराज जताने से यह साबित हो गया है कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इससे पहले परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खचरियावास, खाद्य मंत्री रमेश मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी इस प्रणाली का विरोध कर चुके है। पायलट ने सीधी प्रणाली से चुनाव करवाने पर कहा कि वे चाहते है कि कांग्रेस की घोषणा के मुताबिक ही सीधी पद्धति से ही चुनाव हो। इधर नयी प्रणाली के विरोध में आ रही खबरों का मुख्यमंत्री ने खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि यह निर्णय सोच समझकर लिया गया है। जिसका कहीं पर भी कोई विरोध नहीं है। विरोध की खबरें सब मीडिया की देन है।