या हसन या हुसैन के नारों से गूंज उठा पूरा वातावरण, हुसैन हुसैन करते हुए, नम हुई लोगों की आंखें, लोगों ने मलसीए पढ़कर वयां की शहीदाने कर्बला की दास्तां
मोहर्रम की 10 तारीख को इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नेताजिए निकालकर मातम मनाया, जगह-जगह लोगों ने लंगर के पंडाल लगाकर लोगों को खाना-पीना और चाय नाश्ते का इंतजाम किया, हुसैनी जुलूस बजरिया से उठते हुए पूरे राठ के चौकों पर सलामी देता हुआ, मुर्गी बाजार के पास खान साहब के चौक पर पहुंचा जहां पर लोगों ने रोते हुए, मलसीए पढ़कर शहीदाने कर्बला की दास्तान बयां की शहादत की दास्तां को सुनकर लोगों की आंखों से बहे आंसू मलसियों के द्वारा बताया गया कि किस प्रकार इमाम हुसैन के काफ्ले को प्यासा रखकर यजीदी फौज ने कत्लेआम किया था, वहां के ताजिया उठकर कर्बला के मैदान तक पहुंचा जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया,
मुस्लिम समुदाय के मुहर्रम और हिंदू समुदाय के जलविहार दोनों त्यौहार एक साथ पड़ जाने और एक ही रुट होने के कारण राठ का पूरा नगर पुलिस छावनी में नजर आया, लोकल पुलिस के साथ जनपद पुलिस और अर्धसैनिक बल भी भारी मात्रा में रहा मौजूद, पिछले वर्ष मुहर्रम और गणेश चतुर्थी एक साथ पड़ जाने के कारण दोनों ही समुदायों में विवाद हो गया था, जिस पर विवाद की स्तिथि को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजिए निकालने से इनकार कर दिया था, इसी को देखते हुए, इस वर्ष जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा द्वारा शासनिक और प्रशासन रूप से दोनों ही समुदाय के लोगों को कड़ाई से दिशा निर्देश दिए थे, जिस कारण यह त्यौहार शांतिपूर्वक संपन्न हो सका, जनपद में बैठे आला अधिकारियों ने अपनी सूझबूझ के साथ पूरे जनपद में शांतिपूर्वक संपन्न कराए त्यौहार.