भारत की आर्थिक तंगी से उबारने के लिये ऐ भारत वासियों ज़रा इसपर एक बार ध्यान दो और निर्णय करो-आंचलिक ख़बरें-एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)

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एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)

– यह सच है कि देश की इकनॉमी धराशायी होने के कगार पर है वर्तमान सरकार 6 वर्षों में भारत के आम जन के लिये सारे आमदनी के रास्ते ब्लॉक कर दिए समस्याओं का अंबार लग गया , अब इससे उबरने का रास्ता क्या है ? , विचार सभी के पास है , समस्या सभी जानते है पर समाधान किसी के पास नही, फिर सवाल उठता है समाधान है क्या ? – सर्व प्रथम , सरकार गोपनीयता का क़ानून समाप्त कर, पारदर्शिता का क़ानून बनाये तभी देश की आर्थिक दशा मज़बूत होगी । दूसरे , आप अमीरी रेखा बनाने की बात करें, यानी-अमीरी के लिए एक सीमा तय करें जो औसत सीमा तक हो- जैसे 25 करोड़ तक कि जिसके पास चल अचल संपत्ति है उसे अपनी सम्पत्ति का वर्तमान मूल्यों के हिसाब से ब्याज के साथ मात्र ढाई प्रतिशत टेक्स सरकार को अदा करे, अदा ऐसे कोई नही करेगा जब तक पारदर्शिता का क़ानून नही बनेगा और उस पर सख्ती से पालन नहीं होगा, उस क़ानून को जनता में सख्ती से पालन कराया जाएगा तब सरकार को और आम जनता को पता चल पाएगा कि किसके पास कितना सम्पत्ति है – उसके बाद सरकार औसत सीमा से अधिक सम्पत्ति जिसके पास भी है उस पर यह टेक्स लगाए और वसूल कर ।। इससे सरकार के पास इतना धन आ जायेगा कि देश अपना पूरा बजट काट कर तथा अपना पूरा क़र्ज़ा अदा कर अपने देश के हर नागरिओं को बिना भेद भाव के कम से कम 10 हज़ार रुपये महीने का हर नागरिकों को नागरिकता भत्ता के रूप में अदा करे जो आम जनता का जन्मसिद्ध अधिकार है। सभी बांटने के बावजूद भी सरकार के पास इतना रुपया बच जाएगा कि सरकार दूसरे देशों को क़र्ज़ दे सकती है – इसके लिये आप हमारी पुस्तक गरीबी रेखा नही अमीरी रेखा और अंग्रेज़ी में “द वेल्थ” और उर्दू में “एकतसादी इंसाफ” SHMSHUZ ZOHA MALLICK और अंग्रेज़ी में ” WELTH LINE” जो रोशन लाल अग्रवाल द्वारा लिखी हुई है। इसमे रुपये कहां से आएंगे उसका सटीक फार्मूला दिया गया है ।

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