नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष एवं स्टेट लीगल एड कमेटी के कार्यकारी चेयरमैन प्रो. भीम सिंह ने भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से आग्रह किया है कि वे पुलिस एसपीओ को नियमित करने का अपना तत्काल हस्तक्षेप करें, जिससे उन्हें न्याय मिले। जम्मू-कश्मीर में स्पेशल पुलिस आफिसर वर्षों से सक्रिय पुलिसकर्मियों के रूप में काम कर रहे हैं, जो अभी भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नियमित नहीं हुए हैं। 1982 से प्रो. भीम सिंह समान काम के लिए समान वेतन के लिए आंदोलन कर रहे हैं।प्रो. भीम सिंह ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए एक याचिका भी दायर की थी, जिससे एसपीओ को भी एक पुलिसकर्मी के समान वेतन मिले। यह स्टेट लीगल एड कमेटी ही थी, जिसके कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. भीम सिंह की अध्यक्षता में, जो जम्मू-कश्मीर विधानसभा के फर्श से लेकर उच्च न्यायालय और सर्वाेच्च न्यायालय के फर्श तक लड़ाई लड़ी और जम्मू-कश्मीर के एसपीओ के लिए न्याय और अधिकार की मांग कर रहे हैं।प्रो. भीमसिंह ने भारत के राष्ट्रपति को अवगत कराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) को सड़कों पर एक दिहाड़ी मजदूर से भी कम भुगतान किया जाता है। उनमें से कई ने जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों और कानून तोड़ने वालों से लड़ते/विरोध करते हुए भी अपनी जान गंवा दी। भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण ही एसपीओ के वेतन में कुछ वृद्धि की गई थी।प्रो. भीमसिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसपीओ की याचिका का निपटारा भी कर दिया है, जिस मामले को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय को भेजा गया था। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि सभी एसपीओ को नियमित पुलिसकर्मी माना जाए, जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए और नागरिकों की सुरक्षा के लिए नियमित सेवा में पांच साल से अधिक समय पूरा किया है और उग्रवादियों द्वारा मारे जाने और जनहित की रक्षा करने के बाद अपने आश्रितों के लिए उचित मुआवजा प्राप्त किए बिना अपने जीवन का बलिदान दिया। प्रो. भीमसिंह ने आशा व्यक्त की कि भारत के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप से 35000 से अधिक एसपीओ की जान बच जाएगी, जिन्हें एक दिहाड़ी मजदूर से कम वेतन दिया जाता है।