लाखों का सपना देखने वाले निर्दलीयों के ख्वाब टूटे
झुंझुनू।नगर निकाय के चुनाव हुए संपन्न झुंझुनू नगर परिषद के 60 वार्डो के लिए प्रत्याशियों के भाग्य का आज सुबह 8 बजे से सेठ मोतीलाल कॉलेज परिसर में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के कड़े बंदोबस्त के बीच ईवीएम से मतों की गिनती कर परिणाम घोषित किया गया।जिसमें पांच राउंड में हुई गिनती। प्रत्येक राउंड में 12 वार्डों को सम्मिलित किया गया। मतगणना स्थल पर काफी संख्या में प्रत्याशी व उनके एजेंट के रूप में समर्थक हाजिर रहे वहीं मतगणना स्थल के बाहर 60 वार्डों से आए समर्थकों ने जमावड़ा लगाए रखा। पुलिस प्रशासन मतगणना स्थल के बाहर लोगों को जमावड़े को इधर-उधर करने में व्यस्त रही। वहीं किसी अप्रिय घटना ना हो इस बात का भी पुख्ता इंतजाम रखे गए। मतगणना स्थल पर पहले राउंड के पश्चात दूसरे राउंड विजेता पार्षदों में से जिला उपखंड अधिकारी सुरेंद्र यादव द्वारा 20 निर्वाचित पार्षदों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। उसके बाद तृतीय व चतुर्थ राउंड की मतगणना की गई और 20 पार्षदों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई अंतिम राउंड की मतगणना के साथ ही बचे हुए 20 प्रत्याशियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाकर शुभकामनाएं दी। चुनाव परिणाम सुनकर एक प्रत्याशी काफी गंभीर नजर आए अपनी हार का परिणाम सुन मतगणना स्थल पर ही सिर पकड़कर बैठ गए और वही वार्ड नंबर 50 से निर्दलीय प्रत्याशी विनोद कुमार जांगिड़ ने मात्र 2 मतों से जीत दर्ज कर कांग्रेस व भाजपा को चौंकाया। सबसे बड़ी जीत के लिए 23 नम्बर वार्ड से धर्मा देवी 683 मतों से रिकॉर्ड जीत के साथ अपना नाम रखा सर्वोच्च रखा।
झुंझुनू नगर परिषद के लिए सभापति का चयन अब आसान हो गया है,चुनाव परिणाम से पहले कयास लगाए जा रहे थे की निर्दलीय पार्षदों की अहम भूमिका रहेगी सभापति बनाने में वहीं जन चर्चा बनी हुई थी की निर्दलीय प्रत्याशियों का साथ तभी मिलेगा जब उन्हें मोटी रकम व गाड़ी ऑफर किए जाएंगे। परिणाम घोषित होने के बाद लाखों का सपना देखने वाले पार्षदों के सब ख्वाब टूट गए। इसी दौड़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल कई दिनों से अपनी अपनी रणनीतियां वह जिताऊ पार्षदों पर अपने दावेदारी पहले से जताते हुए उन्हें अपने काबू में रखने की रणनीति बना रहे थे,लेकिन आज आए परिणाम से जहां निर्दलीय प्रत्याशी काफी संख्या में 16 जीत कर आए हैं वहीं भाजपा सभापति की दावेदारी में कहीं नजर नहीं आ रही है क्योंकि भाजपा 10 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है जबकि कांग्रेस राज्य में सत्ता होने का पूरा फायदा उठाने में सफल रही है। कांग्रेस से 34 पार्षद नगर परिषद चुनाव में जीत कर आए हैं। इससे यह तय माना जा रहा है कि सभापति तो कांग्रेस का ही होगा।अब स्थानीय विधायक बृजेंद्र ओला जिसे चाहेंगे उसे ही नसीब होगा वह सभापति पद ऐसी जनचर्चा शहर में बनी हुई है।