खनिज विभाग की मिलीभगत से जिले में चल रहा अवैध खनन का कारोबार-आंचलिक ख़बरें- शैलेश पांडे के साथ पवन पांडे

News Desk
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मध्य प्रदेश में जब से सरकार बदली है तब से अवैध खनन करने वाले माफियाओं का कारोबार अपने आधार पर बना हुआ है, या यूं कहें कि इस सरकार के बनते ही खनन माफियाओं को पूरी छूट मिली हुई है। आए दिन पत्रकारों के ऊपर हमले हो रहे हैं लेकिन खनिज मे बैठे अधिकारी,कर्मचारी और नेताओं के कारण कोई कार्यवाही नहीं होती क्योंकि खनन माफियाओं के ऊपर कहीं न कहीं इन सबका हाथ है ।कहने को तो सरकार माफियाओं को दबोचने की बात कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन हकीकत में सरकार इन माफियाओं के साथ है इसी तरह जिले के हृदय यानी मुख्यालय के चंद कदमों की दूरी पक स्थीत कचनी अमलोरी से दिनदहाड़े अवैध खनन हो रहा है। लेकिन अधिकारियों को कुछ भी नहीं दिखाई देता है, क्योंकि जिले के आला अधिकारी की साठगांठ जो है ।वही बात किया जाए जिले में बैठे माइनिंग इंस्पेक्टर के,पी,शुक्ला , वह खनिज अधिकारी को मोटी रकम दे अवैध खदानों के रजिस्ट्रेशन करवा के दबंगों स्थानीय नेताओं व चोरी छुपे रेट का भंडारण कर लेट को औने पौने दामों में बिना किसी रॉयल्टी के ही बेचने लगे हैं जिसका सीधा सा एक कारण है कि माइनिंग अधिकारी को समय पर नोटों की गड्डियां मिल जाया करती हैं वहीं महज कुछ महीने पहले ही माइनिंग अधिकारी के साठ घाठ से किसी व्यक्ति विशेष की वाहन को हफ्ते 10 हफ्ते कर दो तीन बार पकड़ा जा चुका है जबकि जहां से रेत लोड कर वाहन मालिक लेकर आता है उस खदान में जाने की हिम्मत इनकी नहीं होती वहां हजारों गाड़ियां अवैध रेत का परिवहन करने में लगी हुई है। ऐसे ही खनन माफियाओं को सपोर्ट कर लाखों की राशि हड़प कर विभागीय कार्यवाही को स्थगित किया जा रहा है। हमारे चैनलो के माध्यम से कई बार दिखाया गया लेकिन आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई ।अब देखना है कि कब तक कांग्रेस सरकार कार्यवाही करती है। वहीं खनन माफिया पत्रकार को धमकी दे रहे है। कि मै हरिजन एक्ट SC/ST लगवा दूंगा ,जान से मरवा दूंगा । शासन प्रशासन से अपने जान की सुरक्षा की गुहार लगा रहा हूं कि अगर पत्रकार को कुछ भी होता है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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