सितंबर की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत के अधिकांश हिस्से भारी बारिश की चपेट में हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, यूपी और हिमाचल से लेकर राजस्थान और ओडिशा तक—हर ओर पानी ही पानी है। कहीं नदी उफान पर है तो कहीं भूस्खलन से सड़कें जमींदोज हो गई हैं। जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि सेना और NDRF को राहत कार्यों में लगाया गया है।
- दिल्ली में यमुना ने फिर दिखाया रौद्र रूप
- उत्तर भारत में बारिश का आतंक: स्कूल बंद, सड़कें ठप
- हिमाचल-उत्तराखंड में भूस्खलन से तबाही
- पंजाब में 30 मौतें, 3.5 लाख लोग प्रभावित
- शिवराज सिंह कल करेंगे पंजाब का दौरा
- यूपी-राजस्थान भी पानी में डूबे
- हरियाणा और ओडिशा भी प्रभावित
- भारत ने पाकिस्तान को भी किया अलर्ट
- बारिश की वजह क्या है? मौसम विभाग की जानकारी
- बारिश ने दिखाई प्रकृति की ताकत, राहत की जरूरत
दिल्ली में यमुना ने फिर दिखाया रौद्र रूप
देश की राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। यमुना बाजार, वासुदेव घाट और मोनेस्ट्री मार्केट जैसे निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं।
NDRF की टीमों को यहां तैनात किया गया है। कमांडेंट ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक, “यहां 5-6 फीट तक पानी भर चुका है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। हमारी टीमें पूरी रात से यहां तैनात हैं और हर स्थिति से निपटने को तैयार हैं।”
उत्तर भारत में बारिश का आतंक: स्कूल बंद, सड़कें ठप
भारी बारिश को देखते हुए कई राज्यों ने स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। नोएडा, गाजियाबाद, चंडीगढ़, शिमला और जम्मू-कश्मीर में छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर आज स्कूल नहीं खोले गए।
सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम और कई जगहों पर पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। राजधानी दिल्ली में ओल्ड रेलवे ब्रिज (ORB) के पास यमुना का जलस्तर 206.03 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे रेल और सड़क यातायात बंद कर दिया गया है।
हिमाचल-उत्तराखंड में भूस्खलन से तबाही
हिमाचल प्रदेश में हालात और भी चिंताजनक हैं। मंडी जिले के सुंदरनगर में भूस्खलन से दो घर ढह गए, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। राज्य की 1,300 से ज्यादा सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें मंडी, चंबा, शिमला और कुल्लू प्रमुख हैं।
वहीं उत्तराखंड के कई जिलों—देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और उत्तरकाशी—में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। गंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी और गौला नदी खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
पंजाब में 30 मौतें, 3.5 लाख लोग प्रभावित
पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ ने अब तक 30 लोगों की जान ले ली है। राज्य के 23 जिलों के 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। गुरदासपुर, अमृतसर और होशियारपुर सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं।
बचाव कार्यों में सेना और एनडीआरएफ जुटी हुई हैं, लेकिन राहत कार्यों के बीच अब भी कई गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना बाकी है। सतलुज, रावी और ब्यास नदियों के अलावा कई मौसमी नदियां उफान पर हैं।
शिवराज सिंह कल करेंगे पंजाब का दौरा
इन गंभीर हालातों के बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत कार्यों की निगरानी के लिए पंजाब का दौरा करने का ऐलान किया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा:
“मैं कल सुबह पंजाब पहुंचकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपने भाई-बहनों से मिलूंगा। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी मजबूती से पंजाब के साथ खड़ी है।”
उन्होंने राज्यपाल गुलाब चंद्र कटारिया, मुख्यमंत्री भगवंत मान, और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह से भी बात की है।
यूपी-राजस्थान भी पानी में डूबे
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश जारी है। गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। पूर्वी यूपी में 8 सितंबर तक और पश्चिमी यूपी में 3 सितंबर को भारी बारिश का अनुमान है।
राजस्थान के दौसा जिले में 177 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिससे नहरें उफान पर हैं और सड़कों पर पानी फैल गया है। मौसम विभाग ने यहां अगले 5 दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है।
हरियाणा और ओडिशा भी प्रभावित
हरियाणा में औसत से 32% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 1 सितंबर को हुई मूसलाधार बारिश ने गुरुग्राम और सोहना में बुरा हाल कर दिया था। अब 5 सितंबर तक और बारिश की आशंका जताई गई है।
ओडिशा में भी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने मछुआरों को 3 सितंबर तक समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है।
भारत ने पाकिस्तान को भी किया अलर्ट
उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश और सतलुज, तवी जैसी नदियों में जलस्तर बढ़ने के चलते भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी जारी की है। तवी, सतलुज और ब्यास जैसी नदियों में बाढ़ की आशंका के चलते पाकिस्तान को पहले ही तीन चेतावनियां भेजी जा चुकी हैं।
बारिश की वजह क्या है? मौसम विभाग की जानकारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर भारत में भारी बारिश की मुख्य वजह है मानसून की द्रोणिका (ट्रफ लाइन) जो सामान्य स्थिति के आसपास बनी हुई है। इसके अलावा:
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बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र
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हरियाणा और पंजाब में चक्रवाती परिसंचरण
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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, जो मानसूनी हवाओं से टकरा रहा है
इन सभी कारकों के कारण तेज और लगातार बारिश हो रही है।
बारिश ने दिखाई प्रकृति की ताकत, राहत की जरूरत
पूरे उत्तर भारत में फैली यह मानसून त्रासदी एक बार फिर हमें यह याद दिलाती है कि प्रकृति के आगे कोई तैयारी पूरी नहीं होती, लेकिन मानवीय प्रयासों और सरकारी समन्वय से हम इससे उबर सकते हैं।
दिल्ली से लेकर देहरादून, गुरदासपुर से लेकर गाजियाबाद तक, हर इलाके में अब सबसे जरूरी है – तेजी से राहत और पुनर्वास। वहीं, दीर्घकालिक दृष्टि से शहरी योजनाएं, नदियों के किनारे निर्माण पर नियंत्रण और आपदा प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करना वक्त की मांग है।
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