* गर्मी में विद्यार्थियों व स्टाफ को पानी की परेशानी होना तय
रतलाम. मेडिकल कॉलेज में पानी की समस्या इस साल भी हल नहीं हो सकेगी। कॉलेज को कनेरी या धोलावड़ डेम से पानी देने के लिए जो मशक्कत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कर रहा था, उस पर ब्रेक लग गया है। पीएचई विभाग ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि प्रोजेक्ट के लिए फंड कौन देगा यह स्पष्ट नहीं है, ना अब तक पीएचई को इसके लिए नियुक्त किया है। ऐसे में प्रोजेक्ट ठंडा पड़ गया है, इससे गर्मी में विद्यार्थियों व स्टाफ को पानी की परेशानी होना तय है।
मेडिकल कॉलेज के पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए धोलावड़ या कनेरी डैम से पाइप लाइन डालकर पानी दिया जाना है, लेकिन इस प्रोजेक्ट को कौन करेगा, कहां से फंड आएगा यह अब तक तय नहीं हो सका है। संभागायुक्त अजीत कुमार ने दोनों डैम के बीच की दूरी निकालकर सर्वे करने का कहा था। पीएचई ने इसमें कनेरी डैम से दूरी 22 किमी तो धोलावड़ डैम से दूरी 23 किमी निकली।
कनेरी डैम से पाइप लाइन डालने, इंटकवेल बनाने से लेकर मोटरों व बिजली केंद्रों की व्यवस्था करने में 8 करोड़ के खर्च का आकलन किया था। धोलावड़ से लाइन डालने में इस खर्च में थोड़ी बढ़त की संभावना थी। सर्वे की डीपीआर बनाकर संभागायुक्त व पीएचई के अधिकारियों को देना थी लेकिन पीएचई ने फंड की परेशानी बता दी है। ऐसे में जो डीपीआर जुलाई के महीने में बन जाना थी, वह अब तक नहीं बन सकी है।