O-1 वीजा बनाम H-1B: भारतीय टेकी के लिए अवसर
O-1 वीजा, जिसे अक्सर H-1B का श्रेष्ठ संस्करण कहा जाता है, भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए अमेरिका में नए अवसर खोल रहा है। बेंगलुरु के 26 वर्षीय तनुष शरणार्थी ने H-1B वीजा के तीन बार रिजेक्शन के बाद इस वीजा को हासिल किया। O-1 वीजा असाधारण प्रतिभा वाले पेशेवरों को दिया जाता है, जिससे उन्हें अमेरिका में लंबे समय तक काम और रहने की सुविधा मिलती है।
H-1B वीजा और O-1 वीजा में अंतर
H-1B वीजा के लिए अमेरिका में फीस और जटिल शर्तें अक्सर परेशानी बनती हैं। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर $1,00,000 कर दी, जिससे भारतीय आईटी पेशेवरों में चिंता बढ़ी। इसके विपरीत O-1 वीजा में शर्तें कम और अवसर विशेष होते हैं। तनुष ने अपने AI अनुसंधान और उल्लेखनीय प्रोजेक्ट्स के आधार पर O-1 वीजा पाया।
तनुष की सफलता और मार्गदर्शन
तनुष ने बताया कि निरंतर मेहनत, देर रात तक काम करना, शोध प्रकाशित करना और क्षेत्र में योगदान देना ही सफलता की कुंजी थी। उन्होंने LinkedIn पर लिखा कि भाग्य पर निर्भर रहने से बेहतर है अपने नियंत्रण में चीजों पर ध्यान दें। इस दृष्टिकोण ने उन्हें O-1 वीजा दिलवाया, जो केवल गिने-चुने प्रतिभाशाली पेशेवरों के लिए उपलब्ध है।
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