डीयू कॉलेजों में ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच (दूसरी क़िस्त) के पदों को भरवाने के लिए टीचर्स फोरम ने आर्ट्स फैकल्टी पर शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना
नई दिल्ली – दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम ने बृहस्पतिवार को ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच के पदों को भरवाने के लिए इस फोरम के तत्वावधान में लगभग 50 से अधिक दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के शोधार्थियों, शिक्षकों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे की सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) के पदों को दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में भरवाने की मांग को लेकर गेट नम्बर – 4 आर्ट्स फैकल्टी पर अनिश्चितकालीन धरना दिया । धरने का नेतृत्व फोरम के महासचिव डॉ. हंसराज सुमन व अध्यक्ष डॉ. के.पी. सिंह के द्वारा किया गया। धरने में डॉ. मनोज सिंह डॉ. आनंद ,डॉ.सुधांशु कुमार अनिरुद्ध , डॉ. चंद्र भूषण , डॉ.प्रदीप कुमार ,डॉ. राहुल देव व डॉ. प्रीतम कुमार आदि उपस्थित थे। धरना स्थल से फोरम की ओर से कुलपति को एक ज्ञापन / मांग पत्र भेजा गया । मांग पत्र में ओबीसी कोटे के अंतर्गत आने वाले सेकेंड ट्रांच पदों को भरवाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन कॉलेज प्रिंसिपलों को निर्देश जारी करे ।
फोरम के महासचिव डॉ. हंसराज सुमन ने धरने पर आए शोधार्थियों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों/ शिक्षण संस्थानों / कॉलेजों में ओबीसी उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए 27 फीसदी आरक्षण वर्ष 2007 से लागू किया गया था । शिक्षण के पदों को आनुपातिक रूप से बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार ने पहली किस्त जारी की थी । पहली किस्त के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों और कॉलेजों में एडहॉक टीचर्स की नियुक्तियांँ हुई। वर्ष-2014—15 में कुछ विभागों व कॉलेजों में ओबीसी शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति हुई। इसके पश्चात पूर्व वाइस चांसलर ने 2018—19 में कुछ विभागों में स्थायी नियुक्ति की, उसके बाद नियुक्तियों की प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई। अभी तक ओबीसी कोटे के अंतर्गत 10 फीसदी पदों को भी नहीं भरा गया है। जबकि सरकार द्वारा दी गई कॉलेजों को अनुदान राशि से कॉलेजों ने पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कमरों का विस्तार, कॉलेज प्रशासन का विस्तार कर लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो बार इन पदों के विज्ञापन भी निकाले लेकिन ओबीसी कोटे के इन पदों को आज तक नहीं भरा गया। इन कॉलेजों में पिछले एक दशक से एडहॉक शिक्षकों के रूप में वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं । उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि ओबीसी कोटे की पहली किस्त के लगे शिक्षकों को आज तक प्रशासन ने स्थायी नहीं किया, वे मजबूरन एडहॉक पढ़ाने के लिए विवश है।
डॉ. हंसराज सुमन ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सितम्बर 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय/कॉलेजों के प्राचार्यों को सर्कुलर जारी कर ओबीसी एक्सपेंशन की सेकेंड ट्रांच (दूसरी क़िस्त) के बकाया रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करने के आदेश दिए थे। अधिकांश कॉलेज प्रिंसिपलों ने इस सर्कुलर के आधार पर रोस्टर रजिस्टर तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास भी करा लिया था लेकिन काॅलेज प्रिंसिपलों ने इन पदों को दो साल बीत जाने के बाद भी आज तक नहीं भरा। ओबीसी कोटे के पदों के साथ-साथ इन पदों पर सामान्य, एससी, एसटी, विक्लांगों और ईडब्ल्यूएस कोटे के पदों पर भी नियुक्तियांँ होनी है। उन्होंने कहा कि ओबीसी कोटे की दूसरी किस्त के अंतर्गत दिए गए शिक्षकों के पदों को स्थायी /एडहॉक नियुक्ति के स्थान पर गेस्ट टीचर्स में तब्दील ना कर दिया जाए, क्योंकि डीयू प्रशासन ने 28 अगस्त 2019 को कॉलेजों को एक पत्र भेजा था। भेजे गए पत्र में एडहॉक टीचर्स के स्थान पर गेस्ट टीचर्स लगाने की बात कहीं गई थी, उसी आधार पर कुछ कॉलेजों ने एडहॉक पदों को गेस्ट टीचर्स में तब्दील कर नियुक्ति की। इसलिए बिना देर किए आगामी शैक्षिक सत्र – 2022—2023 से पहले ओबीसी कोटे के सेकेंड ट्रांच के शिक्षकों के रिक्त पदों के विज्ञापन निकलवाकर उन पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दे । इसी के साथ-साथ बाकी वर्गों सामान्य, एससी, एसटी, विक्लांगों और ईडब्ल्यूएस के पदों को भी भरने संबंधी सर्कुलर जारी करें।
डॉ. सुमन ने कुलपति को भेजे गए ज्ञापन में लिखा है कि जिस प्रकार यूजीसी ने ओबीसी एक्सपेंशन के सेकेंड ट्रांच में शिक्षकों के बकाया पद दिए हैं उसी तरह से केंद्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस कोटे के पदों को भरने के निर्देश दिए थे। डीयू प्रशासन ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को प्रवेश और नियुक्तियों में लागू तो कर दिया। इस आरक्षण के तहत विश्वविद्यालयों/संस्थाओं/कॉलेजों में 10 फीसदी सीटें सामान्य वर्गों के आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को एडमिशन में आरक्षण दिया जा रहा है, परन्तु ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत शिक्षकों की नियुक्तियांँ (ऊंट के मुंह में जीरा) बहुत ही कम हुई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज प्रिंसिपलों का नैतिक दायित्व बनता है कि दूसरी क़िस्त के अंतर्गत ओबीसी कोटे के शिक्षकों के पदों पर स्थायी नियुक्ति होने तक इन्हें एडहॉक टीचर्स के माध्यम से भरते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। संभव हो तो इस संदर्भ में डीयू प्रशासन द्वारा जाँच की जानी चाहिए कि अभी तक ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटे के पदों पर नियुक्तियांँ क्यों नहीं की गईं ?
फोरम ने कुलपति को बताया है कि किन कॉलेजों में ये पद बढ़ेंगे । ओबीसी कोटे से बढ़ी सेकेंड ट्रांच (दूसरी क़िस्त) की शिक्षकों की जिन कॉलेजों में सीटों का इजाफा होगा। वे कॉलेज इस प्रकार है – जाकिर हुसैन कॉलेज-42, दयाल सिंह कॉलेज-41, देशबंधु कॉलेज-40, रामजस कॉलेज-39, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज-39, लक्ष्मीबाई कॉलेज-39, गार्गी कॉलेज-38, आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज-35, शिवाजी कॉलेज-34, श्यामा प्रसाद मुखर्जी काॅलेज-34 पीजीडीएवी काॅलेज-33, हंसराज कॉलेज-32, वेंकटेश्वर कॉलेज-32, मोतीलाल नेहरू कॉलेज-31, कालिंदी कॉलेज-31, मिरांडा हाउस कॉलेज-31, मैत्रीय कॉलेज-30, सत्यवती कॉलेज-30, श्री अरबिंदो कॉलेज-28, श्यामलाल कॉलेज-28, राजधानी कॉलेज-28 इन सभी कॉलेजों में ओबीसी कोटे के पदों पर नियुक्ति होनी है। इस तरह से 47 कॉलेजों में सेकेंड ट्रांच के अंतर्गत 1282 पदों पर नियुक्ति की जानी है।
फोरम के अध्यक्ष डॉ. के .पी. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि ओबीसी कोटे के इन पदों को भरने के लिए यूजीसी ने 19 सितम्बर 2019 को जो सर्कुलर जारी कर प्रिंसिपलों/विश्वविद्यालय/ कॉलेजों को सेकेंड ट्रांच की पोस्ट रिलीज की थी। कॉलेजों के प्राचार्यों को इन पदों को भरने के निर्देश दिए थे लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी इन पदों पर सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी, विक्लांग, ईडब्ल्यूएस के पदों पर आज तक कोई नियुक्ति क्यों नहीं की। फोरम की मांग है कि जब तक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है तब तक इन पदों पर एडहॉक शिक्षकों के रूप में इसी शैक्षिक सत्र से सभी वर्गों के शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि खाली पड़े पदों के कारण छात्रों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी करते हुए यह निर्देश दें कि ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच के इन पदों पर बिना किसी देरी के एडहॉक नियुक्ति करें और रोस्टर रजिस्टर तैयार कर पदों का विज्ञापन निकाले।
डॉ. सिंह ने कुलपति से पुनः मांग की है कि उक्त मांगों पर जल्द ही निर्णय लेकर कॉलेजों के प्रिंसिपलों को ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) के पदों को भरने संबंधी सर्कुलर जारी करते हुए इसी शैक्षिक सत्र से पहले एडहॉक शिक्षकों की नियुक्ति करने के आदेश/ निर्देश देंगे। शिक्षकों के हित में यदि ऐसा निर्णय लेते हैं तो फोरम आपके इस निर्णय का स्वागत करेगा।