एक दिवसीय कड़कनाथ संरक्षण जागरूकता एवं कृषि मेला सम्पन्न

Aanchalik Khabre
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राजेंद्र राठौर

केवीके झाबुआ के प्रक्षेत्र पर एक दिवसीय कड़कनाथ संरक्षण जागरूकता एवं कृषि मेला सम्पन्न

 

झाबुआ , कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के प्रक्षेत पर 01 फरवरी को एक दिवसीय कड़कनाथ संरक्षण जागरूकता एवं कृषि मेला का आयोजन केवीके झाबुआ एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग झाबुआ के संयुक्त तत्वाधान से आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.ए.के.शुक्ला, एवं अध्यक्षता, जिला पंचायत सीईओ झाबुआ, अमन वैष्णव (आई.ए.एस) ने की। इस कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि के रूप में राष्ट्रीय समन्वयक अंतरराष्ट्रीय जैवविविधता संघ, नई दिल्ली, डाॅ. जेसी राणा, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय इंदौर, डाॅ. एस.के. चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक एन.बी.पी.जी.आर. नई दिल्ली, डाॅ. शुभमसिंह उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में विशेष रूप से वैज्ञानिक आरएके कृषि महाविद्यालय सीहोर डाॅ. एम, यासीन, उपसंचालक कृषि, नगीन सिंह रावत, परियोजना संचालक, आत्मा जी.एस. त्रिवेदी, ने भाग लिया कार्यक्रम में 545 पालक एवं कृषको ने सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए सह संचालक अनुसंधान, डाॅ.आई.एस.तोमर ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की महत्ता एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला व कड़कनाथ संरक्षण एवं मोटे अनाज के उत्पादन की महत्ता पर चर्चा की। इसी कड़ी में नगीन सिंह रावत ने झाबुआ जिले में कृषि कि स्थिति एवं किसानों के उत्थान के लिए शासन द्वारा किये जा रहे विशेष प्रयासों चर्चा कीWhatsApp Image 2023 02 02 at 4.23.23 PM 1

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति ने अपने उद्बोधन में मृदा की महत्ता बताते हुए बताया की जैसी भूमि होगी व उसमें जो पोषक तत्व होगे उसी तरह वहां के रहवासियों का स्वास्थ्य होगा यह बात किये गये शोध से सिद्ध हो चुकी है। साथ ही आपने मोटे अनाजों के लाभ बताते हुए कहा की इनके सेवन से दूसरे अनाजों की तुलना मे शरीर में पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा के साथ रोगप्रतिरोधक क्षमता अधिक पाई गई।

कार्यक्रम के अध्यक्ष अमन वैष्णव ने अपने उद्बोधन में झाबुआ जिले के लघु उत्पादकों को अपने उत्पाद समूह के रूप में करने के साथ साथ उत्पादों के प्रचुर प्रचार प्रसार एवं उसकी उत्कृष्ट पैकेजिंग आवश्यकता फूल समूह का उदाहरण देकर बताया। इसके लिए उत्पादक संगठनों को प्रेरित किया। इसके लिए कृषि विभाग एवं केवीके समूहों को मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करने के लिए कहां।

डॉ राणा ने अपने उद्बोधन में जैवविविधता संरक्षण एवं जीआई टैग की बातें किसानों को विस्तार से समझाई एवं जैवविविधता में उस विशेष क्षेत्र की जलवायु उसका खान-पान एवं भौगोलिक परिस्थितियों के महत्व को बताया एवं उस विशेष जीव की विशिष्ट विशेषता उसी परिवेश में पूर्णत विकसित हो पाती है इस बात को ध्यान रखने की आवश्यता बताई। डॉ. भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में जैव विविधता अधिनियम के प्रावधानों पर प्रकाश डाला। डॉ. शुभम ने मप्र में विद्यमान जैव विविधता एवं उसके संरक्षण कि आवश्यकता को प्रतिपादित किया। जिले को प्रगतिशील किसान बालाराम पाटीदार ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर अपने अनुभव साझा किये।

इस आयोजन में कृषि विभाग, केवीके, उद्यानिकी, पशुपालन, कृषि अभियांत्रिकी, सारा संस्थान, आशा जैवविविधता समूह एवं अन्य संस्थानों एवं समूहों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई। जिसका अवलोकन समस्त अतिथियों एवं किसानों ने किया। इस कार्यक्रम के दौरान कडकनाथ पालकों के बीच उत्कृष्ट कड़कनाथ जोड़े की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं विजेताओं को पुरस्कृत किया गया साथ ही केवीके के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार तकनीकी साहित्य एवं आशा जैवविविधता समूह के उत्पादों का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम के अंत में जी.एस. त्रिवेदी द्वारा अतिथियों एवं किसानों का आभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम संचालन डॉ. आर. के. त्रिपाठी एवं गोपाल मुलेवा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केन्द्र, झाबुआ एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग झाबुआ के समस्त वैज्ञानिकों अधिकारियों एवं कर्मचारियों का योगदान रहा।

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