शांति एवं विवाद निवारण समिति ” के सदस्यों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया

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राजेंद्र राठौर

जिला प्रशासन, पुलिस एवं जिला पंचायत के सहयोग से पेसा एक्ट के तहत गठित ” शांति एवं विवाद निवारण समिति ” के सदस्यों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

 

शासन के द्वारा लागू पेसा एक्ट के तहत् गठित ” शांति एवं विवाद निवारण समिति ” के अध्यक्ष एवं सदस्यों को दिनांक 08.02.2023 से 10.02.2023 तक झाबुआ जिले के अलग-अलग स्थानों पर जिला प्रशासन, पुलिस एवं जिला पंचायत के सहयोग से एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है।
इसी परिपेक्ष में जिलें के 774 ग्राम पंचायत में गठित ” शांति एवं विवाद निवारण समिति ” के अध्यक्षों एवं सदस्यों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस तारतम्य में दिनांक 08.02.2023 को जिले के थाना झाबुआ, रानापुर एवं थाना पेटलावद 09.02.2023 को थाना मेघनगर, थांदला एवं कालीदेवी और 10.02.2023 को थाना काकनवानी, कल्याणपुरा एवं थाना रायपुरिया में प्रशिक्षण में दिया गया। जिसमें लगभग 2200 से अधिक लोगों नें भाग लेकर प्रशिक्षित हुवें।WhatsApp Image 2023 02 10 at 5.55.23 PM

इस एक दिवसी य प्रशिक्षण में शामिल समिति के अध्यक्षों एवं सदस्यों को निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया गया-
1.समिति गठन के प्रावधान- प्रशिक्षण के जरियें समिति में एक-तिहाई महिला की भागीदारी
2.कार्यप्रणाली -विवादो का निराकरण समिति पारम्परिक पद्धति
3.किस तरह के मामलों का निराकरण / निपटारा करेगें –

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पारम्परिक विवाद- गांव का पटेल या तड़वी बनने की बात को लेकर, डायन (डाकन) कहनें की बात को लेकर आदि ।
घरेलू विवाद- सास-बहु, देवर-जेठानी, बूढ़े माँ-बाप को रखने को लेकर, आँगन को लेकर, सामान की बात को लेकर, शंका की बात को लेकर, शराब पीकर, खाना बनाने की बात लेकर, बार-बार मायके जाने की बात को लेकर, किसी के घर जाने की बात को लेकर, छोटी-छोटी बात को लेकर आपसी विवादें, पैसे का लेन-देन की बात को लेकर आदि ।
पति-पत्नी का विवाद- शंका को लेकर, पति के शराब पीने को लेकर, पति का समय पर घर न लौटना, पैसे नहीं देने की बात को लेकर, मायके नहीं जाने देने की बात को लेकर आदि।
भूमि संबंधी विवाद -मेड़ को लेकर, खेतों में आने जाने वाले रास्ते को लेकर, खेतों में पानी देने व बटवारे को लेकर, खेतों में मवेसियों द्वारा नुक्सान पहुचाने की बात को लेकर, खेतों में फसल बोने की बात को लेकर, तालाब व नहरों का पानी को लेकर आदि ।

समाज में व्याप्त रीति रिवाज संबंधी विवाद -शादी में दहेज या चाँदी देने-लेने की बात को लेकर, गांव का पुजारा बनने की बात को लेकर, आपसी सहमति से भागकर शादी करने की बात को लेकर आदि।
4. समिति द्वारा बैठकों के संचालन के संबंध में अभिलेखों के संधारण की प्रक्रिया
5. समिति द्वारा दिये गये निर्णयों पर अपील- ग्राम सभा।
6. ” शांति एवं विवाद निवारण समिति ” में पुलिस की भूमिका।

प्रशिक्षण के माध्यम से समिति के सदस्यों नें अपने अधिकारों के साथ साथ किस तरह के विवादों के निराकरण, उसकी पारमपरिक पध्दति के बारे तथा साथ ही विवादों के अभिलेखों के संधारण की प्रक्रिया के बारे में जाना। इस प्रशिक्षण में महिलाओं उपस्थिति भी अधिक रही जो महिला शसक्तिकरण का उदहारण प्रस्तुत करता है। समिति ने प्रशिक्षण प्राप्त कर छोटे-छोटे विवादों का समिति के स्तर पर निराकरण करने का निर्णय लिया। प्रशिक्षण के बाद में निश्चित ही अभी तक जितने विवादों का निपटारा हुआ हैं उससे अधिक विवादों का निराकरण समिति करेगी।
उक्त प्रशिक्षण जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक,जिला पंचायत सीईओ, एडीएम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं पुलिस, उप पुलिस अधीक्षक, जनपद पंचायत सीईओ एवं संबंधित थानों के थाना प्रभारी द्वारा दिया गया।

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