ड्रग डीलर का राजा: पाब्लो एस्कोबार की कहानी, खून, पैसा और तबाही से भरी एक दुनिया!

Aanchalik Khabre
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Pablo Escobar

पाब्लो एस्कोबार: एक अपराधी की कहानी जो बादशाह बन बैठा

1 दिसंबर 1949 को कोलंबिया के रियोनेग्रो में जन्मे पाब्लो एस्कोबार एक आम किसान और शिक्षिका के बेटे थे। बचपन में उनका परिवार मेडेइन शहर के पास एंविगाडो चला गया। लेकिन किसे पता था कि यही लड़का आगे चलकर दुनिया का सबसे खतरनाक ड्रग डीलर बनेगा।

Contents
पाब्लो एस्कोबार: एक अपराधी की कहानी जो बादशाह बन बैठाअपराध की शुरुआत: कब्र से पत्थर और कार चोरी तकमेडेलिन कार्टेल की शुरुआत और कोकीन की दुनिया में एंट्रीकोकीन का सम्राट: अरबों की दौलत और ग्लैमरहैसिएंडा नेपोलिस: महल, चिड़ियाघर और डाइनोसॉर तकरॉबिनहुड या राक्षस? जनता का प्यार और खौफ का साम्राज्य“चांदी लो या गोली खाओ”: एस्कोबार का हिंसक फ़ॉर्मूलाहवाई जहाज में बम और अमेरिका से दुश्मनीला कैथेड्रल: लग्ज़री जेल या अपराधियों की हवेली?जेल से हत्या और फिर भागने की कहानीअंतिम जन्मदिन और मौत की गोलीड्रग डीलर की मौत, कार्टेल का पतनपैसा भी दुख देता है: जब चूहे खाते थे करोड़ोंनिष्कर्ष: एस्कोबार—एक नाम, एक चेतावनी

अपराध की शुरुआत: कब्र से पत्थर और कार चोरी तक

एस्कोबार ने किशोरावस्था में ही अपराध की राह पकड़ ली थी। पहले नकली डिग्री बेचना, फिर चोरी, स्मगलिंग और यहां तक कि कब्रों से पत्थर चुराकर बेचना—यही सब उनका शुरुआती करियर रहा। साल 1974 में कार चोरी के केस में पहली बार उन्हें गिरफ्तार किया गया।


मेडेलिन कार्टेल की शुरुआत और कोकीन की दुनिया में एंट्री

लेकिन असली “खेल” शुरू हुआ जब कोलंबिया में कोकीन का कारोबार फैलने लगा। पाब्लो एस्कोबार ने इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया और 1970 के दशक में ड्रग डीलर बनते हुए मेडेलिन कार्टेल की नींव रख दी। उनके साथ थे ओचोआ ब्रदर्स—जुआन डेविड, जॉर्ज लुइस और फाबियो।


कोकीन का सम्राट: अरबों की दौलत और ग्लैमर

1980 के दशक तक एस्कोबार दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग डीलर बन चुका था। कहा जाता है कि वो हर हफ्ते करीब 42 करोड़ डॉलर कमाता था। उनकी कुल संपत्ति करीब 25 अरब डॉलर आंकी गई थी। इतनी दौलत कि वो कोलंबिया का 10 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने को भी तैयार था, बस शर्त यह थी कि उसे अमेरिका को सौंपा न जाए।


हैसिएंडा नेपोलिस: महल, चिड़ियाघर और डाइनोसॉर तक

उन्होंने कोलंबिया में एक 7,000 एकड़ की ज़मीन पर हैसिएंडा नेपोलिस नाम का शानदार महल बनवाया, जिसकी कीमत थी करीब 63 मिलियन डॉलर। वहां था—फुटबॉल मैदान, झील, एयरस्ट्रिप, बुलफाइटिंग रिंग, डाइनोसॉर की मूर्तियाँ, और एक निजी चिड़ियाघर जिसमें जिराफ, हिप्पोपोटामस और ऊँट जैसे जानवर थे।


रॉबिनहुड या राक्षस? जनता का प्यार और खौफ का साम्राज्य

पाब्लो एस्कोबार की पहचान एक ऐसे ड्रग डीलर के रूप में थी जो गरीबों को दान देता था, घर बनवाता था और स्कूल खोलता था। इसी छवि के दम पर वह 1982 में कोलंबिया की संसद का हिस्सा भी बन गया। लोग उसे “कोलंबिया का रॉबिनहुड” कहने लगे।


“चांदी लो या गोली खाओ”: एस्कोबार का हिंसक फ़ॉर्मूला

लेकिन असलियत इससे कहीं ज्यादा खतरनाक थी। एस्कोबार का उसूल था “प्लाटा ओ प्लोमो” यानी “चांदी लो या गोली खाओ।” जो भी उसका विरोध करता, वो मारा जाता। चाहे पुलिसवाले हों, नेता हों या आम नागरिक। उन्होंने विरोधी ड्रग डीलर (जैसे काली कार्टेल) को भी नहीं छोड़ा।


हवाई जहाज में बम और अमेरिका से दुश्मनी

1989 में उन्होंने एक विमान में बम लगवा दिया जिसमें सौ से ज्यादा लोगों की जान चली गई। अमेरिका अब उसे सबसे बड़ा ड्रग डीलर मानकर पकड़ना चाहता था, लेकिन एस्कोबार ने कहा था, “मैं अमेरिका की जेल से अच्छा कोलंबिया में कब्र चुनूंगा।”


ला कैथेड्रल: लग्ज़री जेल या अपराधियों की हवेली?

1991 में कोलंबियाई सरकार ने अमेरिका को खुश करने के लिए नए संविधान में प्रत्यर्पण पर रोक लगाई। उसी दिन एस्कोबार ने आत्मसमर्पण कर दिया। लेकिन जेल क्या? उसे खुद की बनाई ला कैथेड्रल नाम की जेल में रखा गया।

वो जेल कम और रिसॉर्ट ज़्यादा थी। उसमें था—नाइट क्लब, सॉना, झरना, फ़ुटबॉल मैदान, कंप्यूटर, फोन और यहां तक कि फैक्स मशीन भी। वहां बैठकर वो अपना ड्रग डीलर साम्राज्य आराम से चलाता रहा।


जेल से हत्या और फिर भागने की कहानी

लेकिन जब उसने उसी जेल में दो सहयोगियों की हत्या कर दी, सरकार ने उसे असली जेल में भेजने का फैसला किया। इससे पहले कि ऐसा हो पाता, एस्कोबार जुलाई 1992 में फरार हो गया।


अंतिम जन्मदिन और मौत की गोली

1 दिसंबर 1993 को उसने अपना 44वां जन्मदिन मनाया—केक, शराब और गांजा के साथ। लेकिन 2 दिसंबर को उसकी किस्मत ने साथ छोड़ दिया। मेडेइन में उसका ठिकाना पकड़ा गया। सुरक्षाबलों ने छापा मारा। वह और उसका अंगरक्षक छत पर भागे लेकिन गोलीबारी में एस्कोबार मारा गया।

हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि उसने खुद को गोली मार ली थी ताकि गिरफ्तारी से बच सके।


ड्रग डीलर की मौत, कार्टेल का पतन

एस्कोबार की मौत के बाद मेडेलिन कार्टेल भी टूट गया। यह ड्रग डीलर इतिहास बन गया—एक ऐसा इतिहास जिसमें खून, पैसा, डर और ताकत सब कुछ था। उसकी कहानी इतनी जबरदस्त थी कि उस पर कई फिल्में, सीरीज़ और किताबें बनीं।


पैसा भी दुख देता है: जब चूहे खाते थे करोड़ों

आप सोच रहे होंगे कि इतना पैसा कौन संभाल नहीं सकता? लेकिन एस्कोबार का पैसा इतना ज़्यादा था कि उसे गड्डियों में भरकर छिपाया जाता था। उसके भाई के मुताबिक हर साल करीब 2.1 अरब डॉलर सिर्फ इसलिए बर्बाद हो जाते थे क्योंकि चूहे खा जाते थे, पानी से गल जाते थे या फिर खो जाते थे।


निष्कर्ष: एस्कोबार—एक नाम, एक चेतावनी

पाब्लो एस्कोबार की कहानी हमें दिखाती है कि कैसे एक ड्रग डीलर गरीब से अरबपति बन सकता है, लेकिन अंत में हिंसा और डर की ही मौत मरता है। उसने दुनिया को झुका लिया, पर खुद ज़मीन में दफ्न हो गया।

आज भी, जब भी कोई ड्रग डीलर की बात होती है, पाब्लो एस्कोबार का नाम सबसे ऊपर आता है—एक ऐसा नाम जो इतिहास के सबसे खतरनाक अपराधियों में लिखा जाएगा।

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