Kashmir Pahalgam Attack 2025, India vs Pakistan तनाव चरम पर
पहलगाम हमले ने केवल कश्मीर की वादियों में बारूद की गंध नहीं फैलाई, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया को अनिश्चितता की आग में झोंक दिया। जैसे ही आतंकियों ने पहलगाम की धरती पर खून बहाया, भारत सरकार ने चुप्पी तोड़ी नहीं, बल्कि सर्जिकल और कूटनीतिक मोर्चों पर जवाबी प्रहार कर दिया। इसके बाद जो हुआ, वह सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं थी, यह एक नई भू-राजनीतिक कहानी की शुरुआत है। और पाकिस्तान? उसने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।
Indus Water Treaty: पानी का प्रवाह रोका गया, अब क्या होगा पाकिस्तान का?
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने तुरंत Cabinet Committee on Security (CCS) की बैठक बुलाई। इस बैठक में 1960 में भारत-पाक के बीच हुए Indus Water Treaty को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। यह वह संधि थी जो तीन प्रमुख नदियों – झेलम, चिनाब और सिंधु – के पानी के बंटवारे की गारंटी देती थी।
भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए पानी-पानी हो जाने जैसा है। इस फैसले के पीछे न सिर्फ सुरक्षा का तर्क है, बल्कि एक सख्त संदेश भी – अब आतंक के खिलाफ भारत का रुख सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहेगा।
Pakistan in Panic: बिना सोचे-समझे उठाए गए कदम
भारत के इस सख्त रवैये से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने की घोषणा कर दी। लेकिन यह कदम सोच-समझ कर नहीं उठाया गया, बल्कि जल्दबाजी और गुस्से में लिया गया निर्णय प्रतीत होता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान अब भारत संग Shimla Agreement समेत सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करेगा।
Shimla Agreement का निलंबन: अब LOC सिर्फ एक रेखा है?
1972 में हुआ Shimla Agreement भारत और पाकिस्तान के बीच एक कूटनीतिक बंधन था, जिसके तहत दोनों देशों ने Line of Control (LOC) की पवित्रता बनाए रखने और बल प्रयोग से परहेज़ करने की बात मानी थी।
अब पाकिस्तान खुद इस समझौते को निलंबित कर रहा है, जिसका सीधा अर्थ यह है कि LOC की वैधता अब सवालों के घेरे में है। भारत, जो पहले इस समझौते की मर्यादा में बंधा था, अब LOC के पार जाकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इससे India vs Pakistan टकराव और तीव्र हो सकता है।
India vs Pakistan: LOC पार करने का खुला रास्ता?
अब जबकि शिमला समझौता निलंबित हो चुका है, भारत के पास अब यह तर्क है कि LOC अब एक बाधा नहीं है। इससे भारत को आतंकवाद के खिलाफ और खासकर Pakistan Occupied Kashmir (PoK) में सीधे एक्शन लेने की छूट मिल सकती है।
भारत अब पीओके के नागरिकों से सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है, जो पाकिस्तान के लिए एक और कूटनीतिक सिरदर्द बनेगा।
Kashmir Policy: भारत का रुख अब और मजबूत
Shimla Agreement का एक और महत्वपूर्ण पहलू था कि यह कश्मीर को एक द्विपक्षीय मुद्दा बनाए रखने का आधार देता था। पाकिस्तान के इस समझौते को निलंबित करने के बाद अब भारत को यह कहने का अधिकार मिल गया है कि कश्मीर अब द्विपक्षीय विषय नहीं रहा।
इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को जवाब देने का और मजबूत आधार मिल जाएगा। भारत अब अपनी कश्मीर नीति को और मजबूती से लागू कर सकता है।
Nuclear Treaties: परमाणु संकट की ओर बढ़ते कदम
भारत और पाकिस्तान के बीच दो प्रमुख समझौते थे जिनका उद्देश्य था – accidental nuclear war से बचाव। इन समझौतों में बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों की पूर्व सूचना देना और परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था।
अब अगर पाकिस्तान सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करता है, तो इसका मतलब है कि ये nuclear safeguards भी अब अमान्य हो चुके हैं। यह पूरी दुनिया के लिए एक nuclear alert है।
Diplomatic Fallout: Pakistan की वैश्विक साख पर गहरी चोट
दुनिया भर की नजरों में पहले ही पाकिस्तान एक अस्थिर और आतंक समर्थक राष्ट्र के तौर पर देखा जाता है। अब जब उसने खुद ही सभी द्विपक्षीय समझौते तोड़ने का एलान किया है, तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी diplomatic credibility और अधिक गिर जाएगी।
इसके चलते IMF, World Bank और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से मिलने वाली मदद भी खतरे में पड़ सकती है, जो पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए तबाही समान होगा।
Pilgrimage Diplomacy: तीर्थयात्रा पर तकरार
1974 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों के तीर्थयात्रियों को एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों पर जाने की सुविधा दी गई थी। अब इस समझौते के निलंबन से सबसे बड़ा नुकसान भारत के Sikh Pilgrims को होगा जो पाकिस्तान के ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब जैसे स्थलों की यात्रा करते हैं।
हालांकि पाक पीएमओ ने बयान में कहा है कि भारतीय सिखों को वीज़ा छूट दी जाएगी, लेकिन यह बयान कहीं न कहीं communal divide फैलाने की एक कोशिश भी लगती है।
Air Route Ban: भारत को कम, पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान
पाकिस्तान द्वारा यदि उड़ान अधिकारों को भी निलंबित कर दिया गया, तो इसका असर निजी भारतीय एयरलाइनों पर जरूर पड़ेगा। लेकिन असली घाटा पाकिस्तान को ही होगा, क्योंकि उसे भारतीय विमानों की उड़ानों से मिलने वाली आय से हाथ धोना पड़ेगा।
Pakistan ने खुद को दी मात
आखिरकार, India vs Pakistan टकराव में इस बार भारत ने जहां संयम और सख्ती का संतुलन रखा, वहीं पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट में ऐसे कदम उठा लिए जो उसके लिए आत्मघाती साबित हो सकते हैं।
LOC की वैधता पर सवाल, पहलगाम हमले के बाद वैश्विक दबाव, और अंतरराष्ट्रीय संधियों को तोड़ने की जल्दबाजी — ये सभी बातें पाकिस्तान की strategic immaturity और diplomatic isolation को दर्शाती हैं।
भारत अब कूटनीति और सुरक्षा दोनों मोर्चों पर पहले से ज्यादा आक्रामक, तैयार और संगठित नजर आ रहा है। पाकिस्तान की बौखलाहट को देख ऐसा लगता है, उसने खुद ही अपने जाल में खुद को फंसा लिया है।
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