चित्रकूट: एक ऐसा शहर जो अपने धार्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता है, आज यहां भगवान श्री परशुराम की जयंती ने एक नई आस्था और भव्यता का रूप लिया। मऊ नगर पंचायत से रामलीला मैदान तक निकाली गई भगवान श्री परशुराम की भव्य शोभायात्रा (Parshuram Jayanti Procession) ने इस पर्व को और भी खास बना दिया। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक थी, बल्कि समाज के एकजुटता और शक्तिशाली पहचान का संदेश भी देती है।
भगवान श्री परशुराम की भव्य शोभायात्रा | Parshuram Jayanti Procession
मऊ नगर पंचायत के रामलीला मैदान से शुरू होकर अनुज गेस्ट हाउस तक जाने वाली शोभायात्रा ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। यात्रा में भगवान श्री परशुराम की दिव्य तस्वीर का चित्रण किया गया, जो यात्रा के साथ चलते हुए श्रद्धालुओं के दिलों को छू रहा था। इसके साथ दो घोड़े, डीजे और भगवान का सजा हुआ रथ यात्रा में शामिल थे। रथ की सजावट ने यह सुनिश्चित किया कि इस धार्मिक आयोजन का प्रत्येक क्षण श्रद्धा से भरा हुआ हो।
सैकड़ों ब्राह्मण समाज के युवा, किशोर और वृद्ध, जिनके चेहरों पर भगवान परशुराम के प्रति श्रद्धा की चमक थी, यात्रा के दौरान भगवान के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत भूषण द्विवेदी, ग्राम प्रधान महिला कौशांबी, मऊ नगर पंचायत अध्यक्ष अमित द्विवेदी जैसे प्रमुख लोग इस शोभायात्रा (Parshuram Jayanti Procession) में शामिल हुए। यह यात्रा एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की तरह दिख रही थी, जिसमें हर कोई उत्साह और भक्ति में डूबा हुआ था।
आखिरकार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव की भव्यता | Parshuram Jayanti Celebration
भगवान परशुराम की जयंती (Parshuram Jayanti 2025) पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने एक भव्य ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में प्रमुख अतिथि के रूप में श्री श्री 1008 श्री महंत दिव्य जीवन दास जी महाराज की उपस्थिति ने इसे और भी दिव्य बना दिया। भारत मंदिर चित्रकूट में आयोजित इस धार्मिक संगोष्ठी का उद्देश्य भगवान श्री परशुराम के आदर्शों को फैलाना था।
सम्मेलन में माननीय रमेश द्विवेदी, भूतपूर्व सांसद, बांदा चित्रकूट, और मऊ मानिकपुर विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी भी उपस्थित थे। उनके साथ ब्राह्मण समाज के विद्वान और गणमान्य लोग मौजूद थे। इस सम्मेलन में भगवान श्री परशुराम की पूजा अर्चना विधिपूर्वक की गई, जहां पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की गई और भगवान के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
ब्राह्मण समाज का एकजुटता और उत्साह | Parshuram Jayanti and Brahmin Unity
भगवान श्री परशुराम की जयंती (Parshuram Jayanti) का यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह ब्राह्मण समाज की एकजुटता और उसकी शक्ति का प्रतीक बन गया। कार्यक्रम में मऊ जिले के सभी ब्राह्मणों के साथ प्रयागराज, कौशांबी, बांदा और रीवा जिले से भी ब्राह्मणों ने हिस्सा लिया। पूरे नगर पंचायत में इस आयोजन का एक अलौकिक प्रभाव था, जिसमें हर ब्राह्मण ने अपनी आस्था और श्रद्धा को प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम के दौरान, कौशांबी जिले के महिला ग्राम पंचायत के प्रधान, विकास द्विवेदी ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और उन्होंने परिसर के सभी ब्राह्मणों का स्वागत किया। उन्होंने ब्राह्मणों को पुष्प माला पहनाई, गमछा दिया, और उन्हें सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह ने सभी को एक साथ जोड़ने का कार्य किया, जिससे ब्राह्मण समाज के भीतर एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ।
भगवान श्री परशुराम की पूजा और मंत्रोच्चारण | Parshuram Jayanti Puja and Chanting
भगवान श्री परशुराम के जन्मोत्सव (Parshuram Jayanti in hindi) पर आयोजित पूजा और मंत्रोच्चारण ने समूचे कार्यक्रम को और भी दिव्य बना दिया। इस अवसर पर भगवान की पूजा भव्य पंडितों द्वारा की गई, और उनके द्वारा उच्चारित मंत्रों की गूंज ने वातावरण को शुभ और धार्मिक बना दिया। पंडितों की मंत्रोच्चारण के साथ भगवान श्री परशुराम की पूजा अर्चना से सभी श्रद्धालु मानसिक शांति और आस्था का अनुभव कर रहे थे।
मऊ नगर पंचायत के अध्यक्ष का ओजस्वी भाषण | Speech of Mau Municipality President
कार्यक्रम के दौरान, मऊ नगर पंचायत के अध्यक्ष अमित द्विवेदी ने अपने ओजस्वी भाषण से वहां उपस्थित सभी ब्राह्मणों को भावनात्मक रूप से जोड़ लिया। उन्होंने ब्राह्मणों को मऊ नगर पंचायत में आने के लिए प्रणाम किया और अपने शब्दों के साथ वहां उपस्थित सभी लोगों के मन में गर्व और आस्था का संचार किया। उनका भाषण सबको प्रेरित करता हुआ था, और उन्होंने सभी ब्राह्मणों को धर्म रक्षा, एकता और देश की भलाई के लिए आगे आने का आह्वान किया।
भगवान श्री परशुराम के आदर्श और संदेश | Parshuram Jayanti Teachings
भगवान श्री परशुराम के छठे अवतार ने समाज में नकारात्मकता को खत्म किया था, जैसा कि मऊ मानिकपुर के विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा। उन्होंने भगवान परशुराम के आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित धर्म की महत्ता को सभी के सामने रखा। यह जयंती न केवल भगवान की पूजा का अवसर थी, बल्कि यह समाज को एकजुट करने, बुराई के खिलाफ खड़ा होने और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश भी थी।
सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की सफलता | Parshuram Jayanti Security and Success
भगवान श्री परशुराम की जयंती की शोभायात्रा और सम्मेलन में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कड़ी निगरानी रखी गई थी। मऊ मानिकपुर के क्षेत्राधिकारी यामीन अहमद, मऊ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार राय और बरगढ़ के कोतवाल पंकज तिवारी ने अपनी पुलिस बल के साथ आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया। उनकी उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा की महत्ता कितनी है।
भगवान परशुराम की जयंती का ऐतिहासिक प्रभाव | Historical Impact of Parshuram Jayanti
भगवान श्री परशुराम की जयंती (Parshuram Jayanti) का यह आयोजन मऊ नगर पंचायत में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में दर्ज हुआ। भगवान के जयकारों से गूंजते हुए, इस यात्रा ने न केवल एक धार्मिक उत्सव की पहचान बनाई, बल्कि यह समाज में एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश भी दिया। इस जयंती का महत्व न केवल धार्मिक था, बल्कि यह समाज को जोड़ने और भगवान श्री परशुराम के आदर्शों को फैलाने का एक प्रयास भी था।
चित्रकूट उत्तर प्रदेश से प्रमोद मिश्रा की रिपोर्ट देखते रहिये आपका अपना चैनल आंचलिक ख़बरें अपनों की खबर आप तक
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