नई दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बढ़ती अवैध घुसपैठ को गंभीर चुनौती बताते हुए एक हाई-पावर्ड जनसंख्या मिशन शुरू करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के लिए हमारे पूर्वजों ने जो बलिदान दिए, उनकी रक्षा करना हर भारतीय का दायित्व है, और ऐसे किसी भी षड्यंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि योजनाबद्ध तरीके से देश की जनसंख्या संरचना में बदलाव किया जा रहा है, जिससे गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

मोदी के शब्दों में –
“ये घुसपैठिए न केवल युवाओं की रोज़ी-रोटी छीन रहे हैं, बल्कि देश की बेटियों को निशाना बना रहे हैं। भोले-भाले आदिवासियों को बरगला कर उनकी ज़मीन हथियाई जा रही है। भारत ऐसे हालात को स्वीकार नहीं करेगा।”
उन्होंने आगे कहा –
“हमने यह ठाना है कि इस चुनौती का समाधान एक संगठित और समयबद्ध रणनीति से किया जाएगा। जनसंख्या मिशन इसी दिशा में हमारा ठोस कदम है।”
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सीमावर्ती इलाकों में जनसंख्या संरचना में बदलाव से राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधा खतरा पैदा होता है।
गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने घुसपैठ के मुद्दे पर चिंता जताई थी और “घुसपैठिया” शब्द का कई बार उल्लेख किया था। भाजपा का लंबे समय से कहना है कि बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी पश्चिम बंगाल और झारखंड में आदिवासी युवतियों से विवाह कर स्थानीय जनसंख्या संतुलन बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
विपक्ष का आरोप
वहीं, विपक्ष का आरोप है कि भाजपा बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) का इस्तेमाल ऐसे प्रवासियों, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोगों, को निशाना बनाने के लिए कर रही है, और आगे यह प्रक्रिया पश्चिम बंगाल व असम में भी लागू हो सकती है।