राजेंद्र राठौर
आदिवासी गुडिया कला को देश-दुनिया में पहचान दिलाने वाले झाबुआ के कलाकार दंपत्ति रमेश परमार और श्रीमती शांति परमार पद्मश्री से सम्मानित
झाबुआ , राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 05 अप्रैल, 2023 बुधवार को मध्यप्रदेश की तीन विभूतियों को वर्ष 2023 के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। कला के क्षेत्र में श्री रमेश परमार और श्रीमती शांति परमार तथा चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
झाबुआ के कलाकार दंपत्ति रमेश परमार और श्रीमती शांति परमार पिछले 3 दशकों से झाबुआ की सुप्रसिद्ध जनजातीय गुड़िया और पारंपरिक जनजातीय परिधान के निर्माण में लगे हुए हैं। जबलपुर के चिकित्सक डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर किफायती इलाज से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की सेवा कर रहे हैं।
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में नागरिक अलंकरण समारोह के दूसरे चरण में वर्ष 2023 के लिए 3 पद्म विभूषण, 5 पद्म भूषण और 47 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए गए।
आदिवासी गुडिया कला को देश-दुनिया में पहचान दिलाने वाले परमार दम्पत्ति को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। हस्तशिल्प कलाकार श्रीमती शान्ति परमार उद्यमीता विकास केन्द्र झाबुआ के द्वारा 1993 में हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण के अन्तर्गत 6 माह जिसमें आदिवासी गुडीया बनाना सिखा था। तब से परमार दंपत्ति आदिवासी गुडिया बनाने का कार्य कर रहे है। दोनो पति- पत्नी इस हस्तशिल्प कला से 1993 से जुड़े है।
15 अगस्त 1997 को श्रीमती शान्ति परमार को झाबुआ के तात्कालीन कलेक्टर मनोज श्रीवास्तव द्वारा आदिवासी गुडिया बनाने के लिये सर्वश्रेष्ठ शिल्पी के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके बाद ये लगातार मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले शिल्पी मेलो में जाने लगे। जिला, राज्य, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय मेलो में लगातार जा रहे है। जहां पर हम हमारे द्वारा बनी हस्तशिल्प कला जिसमें आदिवासी गुडिया, तीर-कमान, बैलगाड़ी, पिथोरा आर्ट, आदिवासी पेंटिग को शामिल करते है।