एक अनोखा व्यक्ति जिसने कैंसर को 6 बार मात दिया

Aanchalik Khabre
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शहज़ाद अहमद / नई दिल्ली
कैंसर को 6 बार मात देने वाला एक अनोखा व्यक्ति 67 साल के एन. के. चैधरी ने कैंसर को 1 या 2 बार नहीं बल्कि 6 बार मात देकर यह साबित कर दिया है कि उम्मीद और साहस से किसी भी घातक या जानलेवा बीमारी से जिंदगी जीती जा सकती है। चैधरी जी के कैंसर का निदान पहली बार 2005 में हुआ, जिसके बाद 2007, 2010, 2014 के साथ 2018 में 2 बार कैंसर का पता चला। जब तीसरी बार 2010 में उनके कैंसर पता चला, तब उन्होंने वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रेडिएशन ऑनकोलॉजी के निदेशक, डॉक्टर दिनेश सिंह से बात कर उनकी टीम के अंतर्गत इलाज शुरू करवाया। श्री एन. के. चैधरी रेडियोथेरेपी के लिए 5वीं बार मैक्स, वैशाली पहुंचे। 2005 में पहली बार पता चला कि चैधरी जी को जीभ का कैंसर है, जिसके लिए उन्होंने लेजर ट्रीटमेंट  करवाया और जीवनशैली में कुछ बदलावों के साथ कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया। 2 साल बाद, 2007 में कैंसर ने चैधरी जी की गर्दन को अपना शिकार बना लिया, जिसके लिए उन्होंने नेक डिसेक्शन अपनाया और रेडियोथेरेपी से कैंसर का इलाज किया गया। इलाज के बाद वे 3 साल तक कैंसरमुक्त रहा। हालांकि, 2010 में उनके दाहिने टॉन्सिल में कैंसर हो गया जिसे कॉन्करंट कीमोथेरेपी से ठीक किया गया। इलाज के बाद वे 4 साल तक बिल्कुल स्वस्थ रहे, लेकिन बदकिस्मती से 2014 में दांत की प्लेट के छोर पर कार्सिनोमा का पता चला । इस कैंसर के चलते उन्हें विकरण के साथ सर्जरी करवानी पड़ी और वो फिर एक बार मौत के मुंह से बाहर आ गए। फरवरी, 2018 में उन्हें फिर से कैंसर हो गया। इस बार उनके चेहरे और निचली होठ पर गांठ बन गई जिससे पस निकल रहा था।
डॉ अरुण गोयल ,डायरेक्टर सर्जिकल ऑन्कोलॉजी मैक्स हॉस्पिटल वैशाली ने बताया की सभी चर्चाओं के बाद डॉक्टरों की टीम ने कॉन्करंट केमियोथेरेपी करने का फैसला लिया। ये काफी मुश्किल था क्योंकि मरीज पहले ही कई सर्जरी से गुजर चुका था और 3 बार रेडिएशन करवा चुका था। हालांकि, मजबूत प्लानिंग के साथ डॉक्टरों की टीम ने मरीज को 5वीं बार कैंसरमुक्त कर दिया।

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