शिवप्रसाद साहू
विशेष जागरूकता अभियान अभिमन्यु का मुख्य उद्देश्य
सिंगरौली। पुलिस अधीक्षक नें बताया कि विकसित व सुरक्षित समाज का निर्माण महिला एवं पुरुषों की समान सहभागिता से ही किया जा सकता है। अतः महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है, कि समाज में लड़कों एवं पुरुषों को ना केवल महिला संबंधी अपराधों के लिए जागरूक किया जाए, बल्कि उन्हें संवेदनशील बनाया जाकर पूर्वाग्रह मुक्त सकारात्मक व्यवहार विकसित किया जाए। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर विशेषकर पुरुषों को जागरुक करने हेतु अभिमन्यु जागरूकता अभियान संचालित किया गया। यह अभियान 12 जून से 19 जून तक लगातार जारी रहा। अभियान के दौरान जिले के विभिन्न प्रमुख स्थानों में कट आउट सेल्फी प्वाइंट लगा कर प्रचार प्रसार किया गया।
चक्र में दर्शित प्रथम कुरीति नशा को दूर करने के लिए हम सभी को आगें आकर इसे तोड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए और जागरूक रहना चाहिए। स्वयं जागरूक रहकर अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
दहेज़
जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि, दहेज एक ऐसा शब्द है जो आज से नहीं पूर्व से ही समाज में स्थापित है और आज के समय परिवेश में भी जहां हम इतना आगे बढ़ चुके हैं और हमारी सोच हमारी विचारधारा आगे बढ़ चुकी है। फिर भी समाज का प्रत्येक वर्ग इस कुरीति से ग्रसित है। यह एक ऐसा कुचक्र है कि परिवार के प्रत्येक सदस्य प्रत्येक परिवार को आगे आकर इस कुचक्र को तोड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए।आज यहां बैठे हुए प्रत्येक व्यक्ति परिवार जितने भी उपस्थित हैं, जब वह इस शब्द को समझेंगे तो हमें पूरी आशा है कि वह अपने परिवार को भी बताएंगे कि दहेज एक ऐसी कुरीति है कि, हम सब को आगे आकर एकजुट होकर इसे समाप्त करना है। परिवार स्तर पर प्रयास होगा, तभी सामाजिक स्तर पर प्रयास संभव होगा और सभी को इस कुरीति से छुटकारा मिलेगा।
रूढ़िवादिता
यह एक ऐसी विचारधारा है, जिसमें पुरानी मान्यताओं, पुरानी आस्थाओं को तार्किकता से परे हटकर आज भी लोग इसको महत्व देते हैं। जैसे कि यहां लोग बीमार होते हैं, सांप काट देता है तो उसको मेडिकल के लिए नहीं ले जाएंगे, डॉक्टर को दिखाने नहीं ले जाएंगे, पहले झाड़ फूक के लिए ले जाते हैं। कोई भी बाधा है तो लोग उसको झाड़-फूंक कराते हैं। तो यह एक बहुत ही प्रचलित रूढ़िवादिता है, जो हमारे समाज में प्रचलित है और हम सबको इसे तोड़ने का कार्य करना है, साथ ही इसे समाप्त करना है।
असंवेदनशीलता
जब भी कोई एक्सीडेंट की घटना होती है, तो घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाने की बजाय लोग उसका वीडियो बनाते हैं, फोटो खींचते हैं और चले जाते हैं। जबकि मुख्यालय के द्वारा गुड गुड समरितान योजना भी निकाली गई है, जिसमें यदि आप लोग कहीं भी देखते हैं कि रास्ते में कोई व्यक्ति दुर्घटना से ग्रसित है, एक्सीडेंट से ग्रसित व्यक्ति है, तो आप लोग उसे प्राथमिक रूप से उपचार के लिए लेकर जाएंगे। इसके लिए शासन ने ₹5000 की राशि भी इनाम स्वरूप रखी है। संवेदनशीलता भी एक कुचक्र है, समाज में जिसे हम सबको मिलकर तोड़ना है।
भ्रूण हत्या
आज भी समाज में एक कुरीति बहुत ही बुरी तरीके से व्याप्त है। विशेषकर ग्रामीण अंचल में भ्रूण में ही लड़की के गर्भ को खत्म कर दिया जाता है, जिससे पता चलता है कि बेटा और बेटी में आज भी समाज में फर्क व्याप्त है। भ्रूण हत्या भी एक कुरीति है जिसे हम सब को मिलकर रोकना है।
अशिक्षा
अशिक्षा एक ऐसी कुरीति है जिसमें नाबालिक बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है। शिक्षा लेना सभी का अधिकार है।क्योंकि शिक्षा से ही शिक्षित समाज का निर्माण किया जा सकता है और आज के समय परिवेश अनुसार शिक्षा बहुत ही आवश्यक है। किंतु आज भी कई बालक बालिका ऐसे हैं जो शिक्षा की अनुभूति से भी वंचित रह रहे हैं। जो कि हमारे लिए एक कुरीति है, हम सभी को इस पर कड़ा प्रहार करना है और इस कुरीति को हर हाल में पूर्ण रूप से रोकना है।
लिंगभेद
एक माता अपने शिशु को अपना दूध पिलाती हैं, परन्तु इस प्रकार की विशेषता प्रकृति ने पुरुष को प्रदान नही की हैं. स्त्री और पुरुष का यह अंतर लिंग भेद हैं। महिलाओं के साथ अथवा लड़के और लड़कियों में भेदभाव,स्कूली शिक्षा में असमानता, स्त्री पुरुष भेदभाव, सामाजिक असमानता व जेंडर संवेदनशीलता को रोकने के लिए उठाए गये कदम है।जैसे कुरीति को हर हाल में पूर्ण रूप से रोकना है।
विशेष जागरूकता अभियान अभिमन्यु अंतर्गत जिले के विभिन्न स्थानों में अभिमन्यु शुभंकर के कटआउट को रखकर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर अभियान के संबंध में लगातार जागरूक किया गया।
विशेष जागरूकता अभियान अंतर्गत अलग-अलग लगभग 68 स्थानों में लगभग 11,500 से अधिक लोगों को एकत्रित कर जागरूक किया गया। लोगों ने शुभंकर अभिमन्यु के कटआउट सेल्फी प्वाइंट के साथ अपनी-अपनी सेल्फी ली और चक्र में दर्शित प्रत्येक कुरीतियों से लड़ने का विश्वास दिलाया। लोगों ने यह भी कहा कि चक्र में उल्लेखित बातों को वह हमेशा याद रखेंगे, वह स्वयं भी जागरूक होंगे और घर जाकर अपने घर के सदस्यों को जागरूक करेंगे एवं पास पड़ोस के लोगों को भी जागरूक करेंगे।
श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय मो. यूसुफ कुरैशी के निर्देशन एवं समस्त राजपत्रित अधिकारी (पुलिस) के मार्गदर्शन में, महिला थाना प्रभारी श्रीमती अर्चना द्विवेदी एवं जिले के समस्त थाना प्रभारियों के नेतृत्व में आभियान का संचालन किया गया।