Putin Nuclear Threat Ukraine: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी तीनों सेना अधिकारियों से युद्ध के लिए तैयार रहने की घोषणा की है। खबर के मुताबिक रूस जल्द ही यूक्रेन पर परमाणु अटैक कर सकता है।
Putin Threat Nuclear Attack on Ukraine: यूक्रेन ने बीते रविवार को रूस में सबसे भीषण ड्रोन अटैक करके उसके 40 विमानों को नेस्तनाबूत कर दिया था। जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस हमलें से बहुत आहत हुए। दुनियाभर की मीडिया ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की युद्ध रणनीति , खुफिया एजेंसी और डिफेंस सिस्टम की जमकर आलोचना हो रही है। ऐसे में पुतिन का माथा अब ठनक रहा है। यूक्रेनी ड्रोन हमलें के बाद ब्लादिमीर पुतिन का सब्र टूट रहा है। रूस ने कहा है कि यूक्रेन ने हमला करके बहुत बड़ी गलती की है। उसके इस हमलें से युद्ध रेड लाइन के करीब पहुंच गया है। रूस की मीडिया ने कहा है कि आने वाले दिन यूक्रेन के लिए बहुत भारी पड़ने वाले हैं।
पुतिन ने अमेरिका को ललकारा
यूक्रेन द्वारा रूस पर किया गया हमला सुनियोजित था। इस हमलें की रणनीति 18 महीने पहले से तैयार की जा रही थी। रूस के साथ ग्लोबल मीडिया का कहना है कि रूसी एयरबेस पर किए गए हमलें के पीछे सिर्फ यूक्रेन का हाथ नहीं है। बल्कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने पूरी योजना के साथ प्लान तैयार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस हमले की पहले से जानकारी थी। अब अमेरिका और यूरोपीय देशों को यह खतरा महसूस होने लगा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांत बैठने वालों में से नहीं है। वो यूक्रेन को दहलाकर रहेंगे। जानकारी के मुताबिक रविवार को हमलें के बाद दो अमेरिकी सीनेटर ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनूअल मैक्रो से मिलकर आने वाले दिनों में यूक्रेन में भीषण हमलों को लेकर आशंका जताई। उन्होंने कहा कि रूस की मंशा अभी और युद्ध करने की है। रूस चाहता है कि यूक्रेन की अधिक से अधिक जमीन पर कब्जा करे। जानकर मानते हैं कि भीषण हमलें के बाद रूस यूक्रेन को छोड़ने वाला नहीं है। अगर अमेरिका और यूरोपीय देश हस्तक्षेप करते हैं तो ब्लादिमीर पुतिन परमाणु हमले का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेंगे।
रूस की अर्थव्यवस्था को तोड़ने में लगा अमेरिका
24 फरवरी 2022 को जब रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ तो अमेरिका और नाटो देश यूक्रेन के साथ खड़े थे। अमेरिका ने तब रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए थे। लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर रूस पर नहीं पड़ा। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड एक बार फिर से रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए एक अलग रणनीति बना रहे हैं। अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध खत्म ना होने की स्थिति में डोनाल्ड ट्रंप रूस से पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाएंगे। या फिर उन पर 500 % आयात शुल्क लग सकता है। अमेरिका का इशारा भारत और चीन की तरफ था। अमेरिका ने इस पर एक विधेयक भी तैयार कर लिया है। अमेरिकी संसद में यह विधेयक सत्ता पक्ष में भी है। क्योंकि आने वाले समय में रूस के साथ टकराव बढ़ सकता हैं। अमेरिकी सीनेटर ब्लूमेंथल ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिबंध से रूस की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। क्योंकि चीन और भारत ही हैं जो सबसे अधिक सामान रूस से आयात करते हैं।
तुर्की में युद्ध विराम को लेकर क्या सहमति बनी
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर दूसरे दौर की वार्ता तुर्की के इंस्ताबुल में हुई। जहां यूक्रेन और रूस का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। जबकि तुर्की ने दोनों की मध्यस्थता की भूमिका निभाई। सोमवार को हुई इस शांति वार्ता में कुछ सैनिकों को लेकर सहमति बनी। वार्ता के दौरान रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान मारे गए 6 हजार सैनिकों के शव की अदला – बदली को सहमत हो गए हैं। वहीं गंभीर रूप से बीमार सैनिकों की रिहाई पर भी सहमति बनी। लेकिन इस वार्ता में युद्ध विराम को लेकर दोनों देश राजी नही हुए l तुर्की में हुई वार्ता के बीच यूक्रेन ने रूस पर बच्चों के अपहरण का आरोप लगाया है। यूक्रेन ने एक लिस्ट सौंपी है। जिसमें रूस द्वारा अपहरण किए गए मासूम बच्चे हैं। वहीं रूस और यूक्रेन 18 से 25 उम्र के युवा सैनिकों की अदला – बदली पर भी सहमति दर्ज की है |
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