भारत को आज नया उपराष्ट्रपति मिल गया। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) ने शुक्रवार को 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
चुनाव में जीत और समर्थन
हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार को बड़े अंतर से पराजित किया। उन्हें एनडीए (NDA) के सांसदों के साथ-साथ कई निर्दलीय और अन्य दलों का भी समर्थन मिला। वहीं विपक्षी गठबंधन को उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल सके। इस परिणाम ने एक बार फिर दिखा दिया कि राष्ट्रीय राजनीति में एनडीए की पकड़ मजबूत बनी हुई है।
शपथ ग्रहण समारोह की झलक
राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस ऐतिहासिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के कई वरिष्ठ सदस्य, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और बड़ी संख्या में सांसद मौजूद रहे। समारोह पूरी तरह से औपचारिक और गरिमामय माहौल में सम्पन्न हुआ।
सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
- राधाकृष्णन का राजनीति से जुड़ाव लंबे समय से रहा है।
- वह दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
- उन्होंने भाजपा के संगठन में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
- हाल ही में वे झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर भी कार्य कर चुके हैं।
उनका राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक समझ उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है।
उपराष्ट्रपति की भूमिका
भारत का उपराष्ट्रपति संवैधानिक रूप से देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है। उपराष्ट्रपति का सबसे अहम दायित्व राज्यसभा के सभापति (Chairman of Rajya Sabha) के रूप में कार्य करना है। आने वाले समय में राधाकृष्णन से उम्मीद की जा रही है कि वे संसद में स्वस्थ और सार्थक बहस को बढ़ावा देंगे तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत करेंगे।
नेताओं की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि “राधाकृष्णन जी का अनुभव और नेतृत्व क्षमता भारत की संसदीय परंपराओं को और मजबूत करेगी।”
वहीं विपक्षी नेताओं ने भी उन्हें शुभकामनाएँ दीं और उम्मीद जताई कि वे सभी दलों के बीच संवाद की भूमिका निभाएंगे।
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