अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए कपाट बंद
अयोध्या, जो भगवान राम की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, वहां रविवार को लगे चंद्र ग्रहण के कारण राम मंदिर और हनुमानगढ़ी समेत सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। ग्रहण के धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया। श्रद्धालु अब केवल सोमवार सुबह ही भगवान रामलला और हनुमान जी के दर्शन कर पाएंगे।
चंद्र ग्रहण का समय और सूतक का प्रभाव
पंचांग के अनुसार, इस बार का चंद्र ग्रहण रविवार रात 9:57 बजे शुरू होकर रात 1:27 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। इसी कारण अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों के पट दोपहर 12:30 बजे के बाद श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। धार्मिक मान्यता है कि सूतक काल में मंदिरों में पूजा-पाठ, भगवान के विग्रह को स्पर्श करना और भोग लगाना वर्जित होता है।
रामलला और हनुमानगढ़ी मंदिर के कपाट बंद
राम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मंदिर और हनुमानगढ़ी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा कनक भवन और अन्य सभी मठ-मंदिरों में भी यही परंपरा अपनाई गई। इससे श्रद्धालु भले ही दर्शन न कर पाए हों, लेकिन वे मंदिर प्रांगण से भगवान को स्मरण कर रहे हैं और घरों में विशेष पूजा कर रहे हैं।
चंद्र ग्रहण के बाद शुद्धिकरण की प्रक्रिया
धार्मिक परंपरा के अनुसार, चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों को शुद्ध किया जाता है। इसी कड़ी में सोमवार सुबह सबसे पहले मंदिरों को सरयू जल से धोया जाएगा। भगवान रामलला और अन्य विग्रहों को भी सरयू के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा। उसके बाद मंदिरों में मंगला आरती और श्रृंगार आरती होगी, जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे।
ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व
चंद्र ग्रहण का उल्लेख वेद-पुराणों और शास्त्रों में विस्तार से किया गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ग्रहण काल में भगवान का ध्यान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं मंदिरों को बंद करने की परंपरा इसलिए है ताकि भगवान के विग्रह पर ग्रहण का प्रभाव न पड़े। ग्रहण के बाद स्नान, दान और मंत्र जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
श्रद्धालुओं की आस्था और उम्मीद
श्रद्धालु भले ही रविवार को रामलला और हनुमानजी के दर्शन न कर पाए हों, लेकिन सोमवार सुबह के दर्शन के लिए उनमें खास उत्सुकता है। भक्तों का मानना है कि ग्रहण समाप्त होने के बाद भगवान के दर्शन और अधिक फलदायी माने जाते हैं। सोमवार की सुबह जब मंदिरों के कपाट खुलेंगे और विशेष आरती के बाद भक्तों को दर्शन मिलेगा, तब अयोध्या का माहौल और अधिक भक्तिमय हो जाएगा।
यह भी पढ़ें– चंद्रग्रहण, BJP की बैठक और भारत की GDP ग्रोथ