महोत्सव का आयोजन श्री दुर्गा पाठ समिति झाबुआ व अष्टांग योग प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा किया गया था
10 फरवरी प्रातः 8:00 बजे से श्रीरामचरितमानस का अखंड पाठ 11 फरवरी प्रातः 8 बजे तक हुआ उसके पश्चात परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मचारी सत्यानंद योग ऋषि जी द्वारा शुक्रवार प्रातः 9 बजे सिद्धेश्वर महादेव मंदिर पर अभिषेक किया गया और भगवान की आरती की गई उसके पश्चात कलश यात्रा में कन्याओं व महिलाओं ने सर पर कलश रखकर , पुरुषों ने साफे बांधकर व अश्व पर बैठी मां भवानी के स्वरूप में हाथ में ध्वज पताका लिए कन्याओं की अगुवाई में बैंड बाजों के साथ कलश यात्रा की शुरुआत की गई। कलश यात्रा सिद्धेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर अंबे माता मंदिर के पास मोगली गार्डन पहुंची। यहां गुरु जी के सानिध्य में नौ कुंडीय महायज्ञ किया गया यज्ञ में पूर्णाहुति के पश्चात श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। परम पूज्य गुरुदेव का सभी ने यहां पर आशीर्वाद प्राप्त किया उसके बाद प्रसादी का भगवान को भोग लगाकर सर्वप्रथम कन्या भोज का आयोजन किया गया कन्या भोज के बाद कन्याओं का पूजन कर उनका सम्मान किया गया। इसके बाद सैकड़ों भक्तों ने भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। गुरु जी के सानिध्य में दो दिवसीय महोत्सव का सभी धर्म प्रेमी जनता ने लाभ लिया गुरु जी द्वारा बताया गया कि झाबुआ जैसी पावन भूमि और वीरभूमि पर समारोह का सफल आयोजन यहां की धर्म प्रेमी जनता और संस्कृति का प्रतीक है यहां की मिट्टी में शहीद चंद्रशेखर आजाद जैसे सपूत ने जन्म लिया जिन्होंने देश और हमारी संस्कृति को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया मैं यहां की माटी को नमन करता हूं।
श्री दुर्गा पाठ समिति के सदस्य दिलीप पालीवाल, जगदीश जोशी, हरीश यादव, नरेंद्र राठौरिया, हेमेंद्र भानपुरीया ने बताया की गुरुजी के आने से झाबुआ की धर्म प्रेमी जनता को जो आशीर्वाद प्राप्त हुआ है उससे हम सभी धन्य हो गए । हमारे निवेदन पर अमृतसर से गुरु जी झाबुआ आए और उन्हीं के सानिध्य में श्री दुर्गा सप्तशती पाठ महोत्सव का आयोजन किया गया। हम गुरु जी के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने अपना आशीर्वाद हम सब पर बनाए रखा और हमे अमृत वचन देकर हमें जीवन जीने की और हमारी संस्कृति के साथ चलने की सही राह दिखाई। हम सभी धर्म प्रेमी जनता का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने महोत्सव को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया समिति के सारे सदस्य कई दिनों से महोत्सव की तैयारी में लगे हुए थे आज महोत्सव के सफल होने पर हम सभी आभार व्यक्त करते हैं।