आरएसएस ने संविधान और तिरंगा स्वीकारने से किया इनकार; पुलिस ने स्वीकार किया

Aanchalik Khabre
3 Min Read
आरएसएस ने संविधान और तिरंगा स्वीकारने से किया इनकार

 औरंगाबाद में वंचित बहुजन आघाड़ी के जनआक्रोश मोर्चे में उमड़ा जनसैलाब

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोध में वंचित बहुजन आघाड़ी ने आज औरंगाबाद शहर में “जन आक्रोश मोर्चा” का आयोजन किया। मोर्चा आरएसएस कार्यालय की ओर निकाला गया। पुलिस की अनुमति न होने के बावजूद हजारों नागरिक मोर्चे में शामिल हुए और इसे सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।

वंचित बहुजन आघाड़ी के युवा नेता सुझात आंबेडकर, राज्य समिति सदस्य अमित भुईगळ और शमीभा पाटिल ने सीधे उप पुलिस आयुक्त (DCP) को भारतीय संविधान, तिरंगा ध्वज और महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट की प्रति सौंपने का प्रयास किया।

आरएसएस ने किया इनकार
वंचित बहुजन आघाड़ी का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आरएसएस कार्यालय पहुंचा, लेकिन कार्यालय बंद मिला। मोर्चा वहां पहुंचने से पहले ही दरवाज़े अंदर से बंद कर दिए गए थे।
आरएसएस ने इस दौरान संविधान और तिरंगा स्वीकारने से इनकार कर दिया। इसके बाद उप पुलिस आयुक्त ने भारतीय संविधान, तिरंगा और महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट की प्रति स्वीकार की।

वंचित बहुजन आघाड़ी के शिष्टमंडल द्वारा दी गई भेंटें:
सुझात आंबेडकर — भारत का तिरंगा ध्वज
अमित भुईगळ — भारतीय संविधान
शमीभा पाटिल — महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट की प्रति

मोर्चा निकालने का कारण
कुछ दिन पहले औरंगाबाद के एक कॉलेज परिसर में आरएसएस का सदस्यता अभियान बिना अनुमति चल रहा था।
जब वंचित बहुजन आघाड़ी के युवा नेता राहुल मकासरे ने इसका विरोध किया और स्टॉल हटवाया, तो पुलिस ने उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दिया।
इस अन्याय के विरोध में और संविधान-संबंधी प्रतीकात्मक संदेश देने के उद्देश्य से “जन आक्रोश मोर्चा” आयोजित किया गया।

मोर्चे का दृश्य
सुबह 11 बजे क्रांति चौक से मोर्चा शुरू हुआ। कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। राज्य समिति के सभी पदाधिकारी और हजारों नागरिक इसमें शामिल हुए।
युवा जिला अध्यक्ष सतीश गायकवाड ने उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई।मौके पर मौजूद थे: सुझात आंबेडकर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. नितिन ढेपे, अरुंधतीताई शिरसाट, अमित भुईगळ, डॉ. धैर्यवर्धन पुंडकर, राज्य उपाध्यक्ष सिद्धार्थ मोकळे, फारुख अहमद, नागोराव पांचाळ, शमीभा पाटिल, सविताताई मुंडे, प्रवक्ता तय्यब जफर, जितरत्न पटाईत, प्रशांत बोराडे, अमोल लांडगे, डॉ. अरुण जाधव, औरंगाबाद युवा जिलाध्यक्ष सतीश गायकवाड, जिलाध्यक्ष रूपचंद गाडेकर, पंकज बनसोडे, संदीप जाधव सहित हजारों नागरिक।

नारे और संदेश
उपस्थित लोगों ने जोरदार नारे लगाए:
“भारतीय संविधान ज़िंदाबाद!”
“आरएसएस मुर्दाबाद!”
यह मोर्चा केवल विरोध का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि संविधान, तिरंगा और कानून की मर्यादा को लेकर प्रतीकात्मक संदेश भी था।

Also Read This- नवी मुंबई — वाशी रहेजा रेजीडेंसी में भीषण आग: 6 साल की बच्ची सहित 4 की मौत, लगभग 10 घायल

Share This Article
Leave a Comment