युद्ध विराम को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद जेलेंस्की की मुसीबत बढ़ गई है। बता दें कि रूस के साथ अमेरिका भी खड़ा दिखाई दे रहा है।
Russia Ukraine War latest News: 24 फरवरी 2022 को जंग की आगोश में समाया यूक्रेन बाहर ही नहीं निकल पा रहा है। क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने एक फैसले से ना सिर्फ जेलेंसकी की मुसीबतें बढ़ा दी है। बल्कि अमेरिका को भी कहीं ना कहीं झटका दिया है। रूस – यूक्रेन युद्ध विराम को एक बार फिर झटका लगा है। दरअसल रुस और यूक्रेन के बीच लम्बे समय से चल रही जंग को विराम देने के लिए तुर्की के इंताबुल में शांति वार्ता की बैठक होनी थी। इस बैठक का प्रस्ताव खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रखा था। लेकिन अब खुद पुतिन ने तुर्की जाने से इंकार कर दिया है। रूसी प्रवक्ता ने बताया कि पुतिन की जगह अब रूसी दल का नेतृत्व व्लादिमीर मेंडिस्की करेंगे। पुतिन के अचानक इस फैसले से यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि तुर्की में होने वाली युद्ध विराम शांति की वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के आलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल होने वाले थे। लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप ने भी जाने से इंकार कर दिया है।
Russia Ukraine War शांति वार्ता को लेकर क्या हुई थी बातचीत
आपको बता दें कि पिछले तीन साल से ज्यादा समय से रूस और यूक्रेन ( Russia Ukraine War) के बीच युद्ध विराम को लेकर आज नए सिरे से बैठक होने जा रही है। शांति वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बिना होगी। इस वार्ता को लेकर जितनी उत्सुकता यूक्रेनी राष्ट्रपति को है ,उतनी रूस और अमेरिका को नही है। यही वजह है कि दोनों बड़े नेता वार्ता में शामिल नहीं हो रहे हैं। उधर रूस ने वार्ता के लिए अपने डेलीगेशन के नामों को जारी कर दिया है। बीते 14 मई को जेलेंस्की ने कहा था कि हम अपने अगले कदम की जानकारी तब देंगे , जब रूस अपने प्रतिनिधिमंडल की जानकारी साझा करेगा। जिसके बाद रूस ने साफ किया कि पुतिन की जगह उनके सलाहकार और प्रचार वास्तुकार व्लादिमीर मेंडेस्की करेंगे। इसके अलावा रूसी प्रतिनिधिमंडल में उप विदेश मंत्री मिखाईल गालुजिन, डिप्टी रक्षा मंत्री एलेकजेंडर फोमिन और रूसी खुफिया सैन्य निदेशक इगोर कोस्तुयुकोव शामिल होंगे।
कौन हैं पुतिन के सलाहकार व्लादिमीर मेंडिस्की
व्लादिमीर मेंडिस्की को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार हैं। जिन्हे पुतिन का सबसे करीबी माना जाता है। मेंडिस्की यूक्रेन पर रूसी हमले के कट्टर समर्थक थे। अभी तक के युद्ध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन छोटी बड़ी बातें अपने सलाहकार व्लादिमीर मेंडिस्की से लेते आए हैं। मेंडिसकी ने जनवरी 2025 में अपनी नई किताब ” रूस का सैन्य इतिहास ” का संपादन किया है। ये किताब यूक्रेन के खिलाफ मास्को के युद्ध को नाजी जर्मनी के खिलाफ सोवियत संघ की लड़ाई के बारे में दर्शाती है। किताब में रूस के प्रति पश्चिमी देशों के रुख के बारे में भी बताया गया है। किताब में दावा किया गया है कि रूस को नाटो की विस्तार नीति से परहेज है। साल 2014 में जब यूक्रेन में रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को हटाने की वजह से हमला किया गया था।
रूस और यूक्रेन ने एक – दूसरे पर लगाया सीजफायर का आरोप, Russia Ukraine Ceasefire Update
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने जब से अपने – अपने देश की सत्ता संभाली है। दोनों के बीच सिर्फ एक बार ही मुलाकात हुई है। ये मुलाकात साल 2019 में पेरिस शिखर सम्मेलन फ्रांस में हुई थी। इसके बाद 24 फरवरी 2022 में दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो गई। पिछले महीने 29 अप्रैल को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ तीन दिन का सीजफायर एलान किया था। ये सीजफायर 8 मई से लागू हुआ और 11 मई की रात को खत्म हो गया। एक तरफ रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के ऊपर 14 हजार से ज्यादा बार सीजफायर के उल्लंघन का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने रूस पर सीजफायर का उल्लंघन का आरोप लगाया। यूक्रेन ने कहा कि 11 मई की रात को रूस ने हमारे ऊपर 108 ड्रोन के साथ सिम्यूलेटर ड्रोन बरसाए। जिसमें हमने 60 ड्रोन को नष्ट कर दिया।
यूक्रेन के साथ खड़े यूरोपीय देश
रूस और यूक्रेन के बीच जब से युद्ध शुरू हुआ है। यूक्रेन के साथ अमेरिका के अलावा कई यूरोपीय देश यूक्रेन के साथ खड़े रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो,ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर,जर्मनी चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज, और पोलैंड प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क शामिल है। जिन्होंने 10 मई को कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। साथ ही दोनों देशों के बीच युद्ध विराम का समर्थन भी किया था। इन सभी देशों ने रूस को धमकी दी थी कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सीजफायर पर हस्ताक्षर नही करते तो सभी देश यूक्रेन को सैन्य मदद करते रहेंगे
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