Russia Warns to America on Iran Attack: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि ईरान पर सैन्य हस्तक्षेप से वाशिंगटन दूर रहे। वहीं चीन भी ईरान के मामले में खुलकर आया।
Russia warning to America on Iranian Attack: मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान जंग को पूरे ए
क सप्ताह हो चुके हैं। लेकिन युद्ध है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। ईरान की मिसाइलें इज़रायल के तेल अवीव को दहला रही हैं। तो वहीं इजराइल ताबड़तोड़ बैलेस्टिक मिसाइलों से ईरानी परमाणु ठिकानों को तबाह कर रहा है। दोनों देश पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। ईरान – इजरायल युद्ध हर दिन विकराल रुप लेता जा रहा है। उधर मिडिल ईस्ट में तबाही के बाद दुनिया के दो फाड़ हो चुके है। रुस और चीन खुलकर ईरान के साथ खड़े नज़र आ रहें है। तो अमेरिका पहले दिन से ही इजरायल के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। इस बीच रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो ईरान में सैन्य कार्रवाई से दूर रहे, नहीं तो युद्ध का मोर्चा कई देशों के बीच खुल जायेगा।
पुतिन ने खुलेआम ट्रंप को ललकारा
इसमें कोई दोहराए नहीं है कि Iran -Israel conflict में शुरू से ही दुनियां दो धड़ों में बंट गई थी। लेकिन वो सभी देश मिडिल ईस्ट जंग में सीधे नहीं उतरना चाहते थे। क्योंकि युद्ध और भड़क सकता है। मिडिल ईस्ट में बढ़े तनाव को लेकर दुनिया के कई देश बयान जारी कर रहे हैं। इस बीच, रूस ने अमेरिका को ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करने की चेतावनी दी है। दरअसल, यह अटकलबाजी होने लगी है कि वाशिंगटन अगले हफ्ते तक इजरायल के साथ लड़ाई में शामिल हो सकता है। गुरुवार को रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, ईरान के खिलाफ अमेरिका के सैन्य हस्तक्षेप करना खतरनाक कदम होगा। यह कई अप्रत्याशित नकारात्मक परिणामों को साथ लेकर आएगा।
समझौते को लेकर रुस – चीन आए साथ
Iran -israel war को देखते हुए रूस और चीन समझौते को लेकर साथ से हैं। दोनों देश चाहते हैं कि मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए जरूरी कदम उठाएं जाएं। जंग शुरू होने के तीन दिन बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष को समाप्त कराने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की और कहा कि मॉस्को एक ऐसा समझौता कराने में मदद कर सकता है, जिसके तहत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर शांतिपूर्वक आगे बढ़ सकता है और इजरायल की सुरक्षा चिंताएं भी कम हो सकती हैं। पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है। मेरे विचार से, एक समाधान निकल सकता है। पुतिन ने कहा कि हम किसी पर कुछ भी थोप नहीं रहे हैं। सिर्फ इस बारे में बात कर रहे हैं कि हम इस स्थिति से बाहर निकलने का संभावित रास्ता कैसे ढूंढ सकते हैं। लेकिन, निश्चित रूप से, यह निर्णय इन सभी देशों, मुख्य रूप से ईरान और इजरायल के राजनीतिक नेतृत्व पर निर्भर है।
ईरान के साथ सूचना साझा करेंगे रूस और चीन
मध्य पूर्व के सुलगते शोलों और कमजोर होते ईरान की मदद के लिए रूस और चीन एक साथ आए हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने Iran -israel Conflict को लेकर घंटो चर्चा की। चीन और रूस ने इजराइल से खुलकर कहा कि वो जल्दी युद्ध विराम लागू करे। जिससे मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता हो सके। इस बीच चीन और रूस ने इजरायल युद्ध पर संवेदनशील जानकारी एक दूसरे को मुहैया करने के लिए सहमत हुए हैं। क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा, दोनों ने फोन पर घंटे भर हुई बातचीत में अपनी-अपनी एजेंसियों को ईरान के बारे में जानकारी साझा करने के आदेश जारी करने पर सहमति जताई।
जिनेवा जायेंगे Iranian Foreign Minister:
इज़राइल के बढ़ते आक्रमण और अमेरिका के खतरे को देखते हुए ईरानी विदेश मंत्री जिनेवा जायेंगे। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि वह अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ बैठक के लिए शुक्रवार को जिनेवा जाएंगे, जिससे संकेत मिलता है कि कोई नई कूटनीतिक पहल सभव हो सकती है। ईरान की एजेंसी आईआरएनए ने बताया कि बैठक में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के राजनयिक शामिल होंगे। वहीं ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता . इस्माईल बाघई ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी (आईएईए) प्रमुख राफेल ग्रॉसी की आलोचना की। उन्होंने आईईएई पर इजरायल द्वारा शुरू किए गए अन्यायपूर्ण आक्रामक संघर्ष में भागीदार होने का आरोप लगाया।आईएईए के प्रस्ताव में ईरान को परमाणु अप्रसार संधि के तहत दायित्वों का उल्लंघन करने की घोषणा की गई थी
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