राजेंद्र राठौर
- सामायिक व गुणानुवाद सभा का हुआ आयोजन
संयम जीवन के 2 वर्ष पूर्ण कर तीसरे वर्ष में किया प्रवेश
परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्रीमद विजय जयानन्द सुरिश्वर जी म.सा.के शिष्य झाबुआ के नन्दन प.पुज्य मुनिराज श्री विधानविजयजी म सा के दीक्षा के दो वर्ष पूर्ण होने पर सकल जैन श्री संघ झाबुआ द्वारा श्री ऋषभदेव बावन ज़िनालय स्थित श्री राजेंद्र सूरीपोषध शाला में सामूहिक सामयिक एवं गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया ।जिसमे बड़ी संख्या में समाजजनों ने उपस्थित होकर पूज्य मुनिराज के दीक्षा दिवस पर अनुमोदना की।सर्व प्रथम नवकारमंत्र का जाप किया गया।उसके पश्चात भक्तामर स्तोत्र का पाठ किया गया ।
इसके बाद गुरुगुण इक्कीसा का पाठ किया गया।इसके बाद गुणानुवाद सभा हुई।समाजसेवी यशवन्त भंडारी ने कहा की पूज्य विधानविजयजी म सा जिनका सांसारिक नाम शाश्वतजी मेहता रहा और संजयजी मेहता के पुत्र हे, प्रारम्भ से ही दीक्षा लेने हेतु आत्मबल मजबुत रहा और द्रड संकल्पित थे साथ ही झाबुआ का मेहता परिवारजन भी धन्य हे जिन्होंने दीक्षा लेने की आज्ञा प्रदान की।श्री वर्धमान स्थानक श्री संघ के राजपाल मूनत ने कहा की दीक्षा ग्रहण कर पूज्य विधानविजयजी मसा ने अपने जीवन में मोक्ष मार्ग को प्रसस्थ किया है।
धर्मचन्द्र मेहता ने दीक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और डा ज्ञानचंद मेहता ने कहा कि प्रभु महावीर के मार्ग पर चलने वाले पूज्य विधानविजयजी मसा ने मेहता परिवार व झाबुआ नगर का नाम रोशन किया। इस अवसर पर मेहता परिवार की और से प्रभावना भी वितरित की गई। संचालन डा प्रदीप संघवी ने किया और आभार संजय मेहता ने किया।
ज्ञातव्य हो कि झाबुआ के नन्दन शाश्वत जी मेहता ने 18 वर्ष की उम्र में आज से 2 वर्ष पूर्व (तिथी माह सुदी बारस विक्रम संवत 2077 दि.24.2.2021) राजस्थान के आहोर नगर में प.पुज्य आचार्य भगवन्त श्री जयानन्द सूरीश्वर जी म.सा. की पावन निश्रा में दीक्षा सम्पन्न हुई थी व पुज्य विधान विजय जी नाम रखा गया था। पुज्य श्री अभी वर्तमान में गुरु भगवन्त के सानिध्य में अहमदाबाद में विराजमान है।