हमें सांस्कृतिक विरासत और जल को भी सहेजना है
मौलिक कर्तव्य के संबंध में, जीवन में उन्हें अमल में लाते हुए, वृक्षारोपण के साथ-साथ अपने सामाजिक कर्तव्य की पूर्ति करते हुए, वृक्षारोपण के लिए समाज को प्रेरित करने के कारण कक्षा आठवीं की छात्रा दीपा पिता बालू डुडवे को न्यायाधीश श्री हर्ष भदोरिया द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
जबकि ऐसे ही अन्य मौलिक कर्तव्यों के विषय पर अपना निबंध लिखकर और उस निबंध को अपने निजी जीवन में अमल में लाते हुए समाज को जागरूक करते हुए समाज की सार्वजनिक ऐतिहासिक संपत्ति को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचाने संरक्षित रखने के लिए प्रेरित करने के कारण कुमारी प्रिया पिता विक्रम सिंह सिटोले को व्यवहार न्यायाधीश श्री सुधीर सिंह निगवाल व पैरालीगल वालन्टियर दीपमाला शर्मा ने द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इसी प्रकार कक्षा सातवीं की छात्रा हथरी पिता सुन्दर सिंह बडोले द्वारा अपने मौलिक कर्तव्यों के पालन में जल का सदुपयोग करने के ऊपर जो भी समाज में प्रेरणा दी उस प्रेरणा को स्वयं ने अमल में लाया व उस पर लिखे गए निबंध को उन्हें तृतीय स्थान पर श्री जितेंद्र सिंह परमार द्वारा पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार में स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
यह प्रतियोगिता माह जनवरी में कन्या प्राथमिक विद्यालय बड़वाह में मौलिक कर्तव्य, उसके प्रति हमारे समाज का नजरिया, किस तरह से अमल में लाया जाए, किस तरह से अमल में लाते हुए समाज को भी प्रेरित किया जाए। इस विषय पर न्यायाधीशगण द्वारा छात्राओं के बीच उपस्थित होकर उन्हें समझाइश दी गई थी, जागरूक किया गया था। जिसे अमल में लाने एवं उस पर अपने निबंध लिखकर लाने के लिए कहा गया था। उसी के तहत इन छात्राओं द्वारा जो भी गतिविधियां की गई उसे निबंध में लिखकर लाने पर उन्हें उक्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। समाज में। हर प्रकार की जागरूकता को बढ़ाने के लिए इस तरह के सामाजिक प्रयास सराहनीय है, सभी को उनका प्रचार प्रसार करना चाहिए। ऐसी अपेक्षा न्यायाधीशगण द्वारा की गयी एवं विजेता व भाग लेने वाली बच्चियों को शुभकामनाएं दी। इस कार्यक्रम में पैरालीगल वालंटियर्स कु दीपमाला शर्मा का योगदान रहा तथा विद्यालय की शिक्षिका प्रितीमा गन्गराड़े व आशा गन्गराड़े मेडम उपस्थित रहे।