जन सुविधा के नाम पर अति जलदोहन आसान नही होगा -जाट-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

News Desk
By News Desk
3 Min Read
logo

झुंझुनू:- जिले में गत पांच साल के दौरान ग्राम पंचायतों द्वारा नव विकसित ढाणियों,तथा सरकारी जोहड़, गौचर पर विकसित आबादी के नाम से एक हजार से अधिक नये नलकूप स्थापित करने के बाद भी लोग पेयजल आपूर्ति से संतुष्ट नहीं है। सरकारी खर्चे पर खुदवाये गये नलकूपों का उपयोग कुछ चुन्नीदा लोगों द्वारा किया जा रहा है तथा बिजली का बिल पंचायतों को भरना पड़ रहा है।इस प्रवृत्ति के चलते गांव के विकास के लिए प्राप्त राशि मे से अधिकांश बिजली बिल चुकाने में ही पूरी हो जाती हैं।
अति जलदोहन की इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिये जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा जिले की पंचायती राज संस्थाओं के लिए इस बाबत गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके तहत जलदाय विभाग के नॉर्म्स के विपरीत नया नलकूप स्वीकृत नही किया जा सकता। जलदाय विभाग के नॉर्म्स के मुताबिक जिले में ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में 2000 की आबादी पर एक नलकूप स्थापित किये जाकर प्रत्येक व्यक्ति को 55 एल पी सी डी पानी मिल रहा है। 2000 से अधिक आबादी वाले गांवों में जलदाय विभाग के स्रोत के अलावा एक से अधिक जनता जल योजनाओं के द्वारा जलापूर्ति की जा रही है। इसके बाद भी अतिक्रमियों तथा निजी खेतों में बसे लोंगो को गलत लाभ पहुंचाने के लिए अंधाधुंध नलकूपों की स्वीकृतयां जारी की गई।
सीईओ द्वारा गाइडलाइन जारी कर नये नलकूप स्वीकृत करने से पूर्व जलदाय विभाग की शर्तों को लागू करने के लिये सभी पंचायती राज संस्थाओं को पाबन्द कर दिया गया है। अब केवल आबादी क्षेत्र में पूर्व के नलकूप के सूखने, या 55 एल पी सी डी से कम पानी की उपलब्धता के आधार पर एवं आगामी 5 साल तक पंचायत के पास बिजली बिल की राशि उपलब्ध होने पर ही नया बोरिंग स्वीकृत किया जा सकेगा। स्वीकृती से पूर्व भूमि के स्वामित्व, जनोपयोगिता के मापदंड, पानी की उपलब्धता, तथा रख रखाव के संसाधनों का आंकलन करने के उपरांत ही जिला स्तरीय जलदोहन समिति के समक्ष स्वीकृती हेतु प्रकरण रखा जायेगा। इस व्यवस्था के बाद पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को आसानी से अनुगृहीत करना आसान नहीं होगा।
[7:59 PM, 3/2/2020] Anchalik Khabren: ।।

Share This Article
Leave a Comment