सरकारी धन के दुरुपयोग पर पर्यवेक्षक अधिकारी जिम्मेदार होंगे : कलेक्टर-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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झुंझुनू।शानिवार को जिले की ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं की समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर उमरदीन खान की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार सम्पन्न हुई।बैठक में नरेगा,स्वच्छ भारत मिशन,सांसद आदर्श ग्राम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना,जल ग्रहण तथा चारागाह विकास,गांवों में पेयजल की उपलब्धता तथा जलदोहन आदि की समीक्षा की गई।
जिला कलेक्टर ने मीटिंग के दौरान सभी विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी 15 दिन में शौचालय से वंचित सभी परिवारों का सघन सर्वे कर जियो टैगिंग के आधार पर मार्च के अंत तक सभी परिवारों को सरकारी सहायता उपलब्ध करावें।नरेगा में प्रशासनिक व्यय को नियंत्रित करने के लिये प्रत्येक पंचायत में कम से कम सौ श्रमिकों का नियोजन करें।उन्होंने कुछ अनुपयोगी कार्यो पर किये गए निष्फल व्यय के लिये कार्यकारी एजेसी तथा अभियंताओं की जिम्मेदारी निर्धारित करने के निर्देश दिये।उन्होंने गलत तकमीना बनाकर नरहड़,महनसर,नूआं आदि गांवों में करीब 2 करोड़ रुपये का निष्फल व्यय करने तथा विधायक व सांसद कोष से स्वीकृत कार्यो के पूर्ण होने के महीनों बाद भी पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाले जिम्मेदार सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये।
बैठक में जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी अधिकारियों को आवंटित कामों तथा उनके समयबद्ध निस्तारण की समीक्षा की गई।बैठक में अधीक्षण अभियंता मोहनलाल बारूपाल,अधिशासी अभियंता बिजेन्द्र ढाका,स्वच्छता की जिला समन्वयक सुमन चौधरी सहित सभी विकास अधिकारी तथा जिला परिषद के प्रभारी अधिकारियों ने भाग लिया।

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