आज दिनांक 15 जून, 2022 को जिला जेल झाबुआ का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए पुरूष एवं महिला बंदियों हेतु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

News Desk
By News Desk
3 Min Read
WhatsApp Image 2022 06 15 at 4.13.13 PM

 

झाबुआ, 15 जून, 2022। माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के निर्देशानुसार एवं सचिव/जिला न्यायाधीश लीलाधर सोलंकी की अध्यक्षता एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम सिंह मरकाम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विजय पाल सिंह चौहान की उपस्थिति में आज दिनांक 15.06.2022 को जिला जेल झाबुआ का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए पुरूष एवं महिला बंदियों हेतु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में उपस्थित बंदियों को सोलंकी द्वारा विधिक सेवा से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई साथ ही बताया गया कि किसी भी बंदी को यदि कोई समस्या हो तो वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है। बंदियों को विधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी बंदी के पास यदि अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने अपने मुकदमें की पैरवी के लिए निःशुल्क अधिवक्ता की सुविधा प्रदान की जाती है।WhatsApp Image 2022 06 15 at 4.13.12 PM शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम सिंह मरकाम द्वारा प्ली बारगेनिंग प्रक्रिया के बारे में बंदियों को बताया गया कि प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है इस प्रक्रिया के तहत अभियुक्त अथवा आरोपी अपने अपराध को स्वेच्छा से स्वीकार करता है दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। समझौता होने के बाद आरोपी मजिस्ट्रेट के सामने अपना गुनाह कबूल करता है जिससे आरोपी की सजा उसकी न्यूनतम सजा से कम कर दी जाती है। इसी प्रकार मध्यस्थता योजना व अन्य योजनाओं के बारे में भी बंदियों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विजय पाल सिंह चौहान द्वारा बंदियों को विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत प्राप्त विधिक सहायता एवं अन्य समस्याओं के लिए लीगल एड क्लीनिक और जेल आने वाले पैनल अधिवक्ताओं से सलाह प्राप्त करने की समझाईस दी गई। शिविर में उपस्थित बंदियों से उनकी परेशानियों व विधिक समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की उनको उनके अधिकारों व विधिक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। जिसका उनके द्वारा लाभ लिया जा सकता हैं। अंत में बंदियों की समस्याओं को सुनकर उचित सलाह दी गई। वही कार्यक्रम के समापन के बाद न्यायाधीशों द्वारा जेल स्थित चिकित्सालय, पाकशाला का निरीक्षण किया गया और बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच कर उसे संतोषजनक होना बताया। जिला जेल स्थित महिला सेल का भी निरीक्षण किया गया वहां महिला बंदियों को प्राप्त सुविधाओं के संबंध में पूछताछ की गई। निरीक्षण में जेल के अंदर सब कुछ सामान्य मिला। किसी कैदी ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं कि। उक्त शिविर में उप अधीक्षक राजेश विश्वकर्मा, सहायक अधीक्षक भीमसिंह रावत, जेल स्टाफ एवं महिला/पुरूष बंदी उपस्थित रहें।
संदेशः- हर वोट कीमती, हर निकाय महत्वपूर्ण।

Share This Article
Leave a Comment