मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के सर्राफा कारोबारी अपनी करोड़ों की संपत्ति दान कर वैराग्य की राह में चल पड़े हैं। 22 मई को वह अपनी पत्नी और 11 साल के बेटे के साथ जयपुर में दीक्षा विधिवत दीक्षा लेंगे। परिवार ने गुरू महेंद्र सागर जी से प्रेरित होकर गृहस्थ जीवन को त्याग कर संयम और आध्यात्म के पथ पर जाने का फैसला लिया। राकेश सुराना ने दीक्षा लेने से पहले अपनी करीब 11 करोड़ रुपये की संपत्ति गरीबों और गौशाला में दान कर दी है।
राकेश सुराना की मां 2017 गृहस्थ जीवन त्यागकर दीक्षा ली थी। वहीं, उनकी बहन ने 2008 में दीक्षा ली थी। मां और बहन से प्रेरित होकर राकेश सुराना भी अब संयम पथ पर चलते हुए दीक्षा लेने जा रहे हैं।
बालाघाट जिले में कभी राकेश सुराना की एक छोटी सी सोने-चांदी की दुकान हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में उनका करोड़ों का कारोबार था। सराफा क्षेत्र में उन्होंने नाम और शोहरत दोनों हासिल की है।
वैराग्य की राह पर सर्राफा कारोबारी,11 करोड़ रुपये की संपत्ति दान दी, 22 मई को सपरिवार लेंगे दीक्षा-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग
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