6 वर्ष बाद भगवान बड़े बाबा का मस्तकाभिषेक का शुभारंभ-आंचलिक ख़बरें-मुकेश जैन

Aanchalik Khabre
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दमोह। विश्व प्रसिद्ध जैन सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर में पंच कल्याणक महामहोत्सव सम्पन्न होने के साथ ही आज से बड़े बाबा का सर्व प्रथम महामस्तकाभिषेक करने का सौभाग्य अशोक पाटनी आर के मार्बल परिवार को प्राप्त हुआ, निर्यापक मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज ने अभिषेक क्रिया का शुभारंभ किया और निर्यपाक मुनि श्री योग सागर जी महाराज ने शान्ति मंत्रो के साथ शान्ति धारा कराई, शान्ति धारा करने का सौभाग्य भी आर के मार्बल परिवार किशनगढ़ के रतन लाल, कवर लाल, अशोक पाटनी, महावीर पाटनी को प्राप्त हुआ, प्रिंट मीडिया प्रभारी महेन्द्र जैन सोमखेड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दृश्य के साक्षी बने हजारों श्रद्धालुओं, जिन्हें असीम आनन्द की प्राप्ति हुई, लोग लंबे समय से भगवान बड़े बाबा के मंदिर निर्माण पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहे थे जो पूर्ण होने से अपने आप को धन्य मान रहे हैं। आज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने संदेश देते हुए कहा कि जिनेंद्र भगवान के दर्शन से धन्य धन्य हो गए सब लोग, आप लोग भी राग को शांत करते रहे, सभी श्रद्धालु लोग भगवान का अभिषेक पूजन का सौभाग्य प्राप्त कर खुशियां मनाएं। आज आचार्य श्री को नवधा भक्तिपूर्वक आहार देने का सौभाग्य हेमन्त जैन, लता जैन कुण्डलपुर दमोह निवासी परिवार को प्राप्त हुआ।
फरवरी की चमकती सा बसंती दिन, कुण्डलगिरि पर्वत पर भगवान आदिनाथ बड़े बाबा की 15 फुट उंची भव्य विशाल पद्माशन प्रतिमा का महा मस्तकाभिषेक बना आकर्षण का केन्द्र इतनी उंचाई पर हवा तेजी से बह रही है,WhatsApp Image 2022 02 24 at 11.03.38 PM उसकी मद्धम गर्माहट और हवा के ठंडे झौंके की सुगंध के साथ यहा के पवित्र माहौल को और भी पवित्र बना रहे है। सृष्टि की विशालता के आगे छोटे बहुत छोटे होने का एहसास हों रहा है सभी को, मान, अंहकार, दुनियादारी से दूर एक अजीब सी शांति का अनुभव इस अतिशयकारी बड़े बाबा के समक्ष मिलता है। भगवान बड़े बाबा के 2022 में हो रहे महामस्तकाभिषेक में सब कुछ इतना अलौकिक लगा और जब प्रथम कलश से प्रतिमा के मस्तक पर अभिषेक के लिये अर्पित किया तो उपर से गिरते जल को हवा ने फुहारों मे बदल दिया और पूरा माहौल अप्रतिम सा लगा। बड़े बाबा की प्रतिमा का 6 वर्ष बाद एक बार फिर महामस्तकाभिषेक हो रहा है, जो अनवरत अष्टानिका पर्व तक चल सकता है ऐसा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का दिव्य देशना में कहा। आचार्य श्री के सान्निध्य में होने वाले इस समारोह मे इस विशाल प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक अशोक पाटनी के द्वारा जयकारों के बीच, पवित्र जल के कलश से किया गया,यह दृश्य इतना आलौकिक होता है, जो शांति और जैन धर्म के अहिंसा के सिद्धांत को प्रतिपादित करता है। अहिंसा से सुख, त्याग से शांति, मैत्री से प्रगति और ध्यान से सिद्धि मिलती है। विशाल और ओजस्वी प्रतिमा के दर्शन करने सभी श्रद्धालु मन में शुद्ध भाव लेकर आते हैं और उन्हें अपने आप ही सफलता प्राप्त होती है। आगामी महामस्तकभिषेक 2031 में होगा, जैसे भगवान बाहुबली का श्रवणबेलगोला में 12 वर्ष में महा मस्तकाभिषेक विशाल रूप में आयोजित किया जाता हैं, उसी तरह कुण्डलपुर में भी हर 9 वर्ष बाद आयोजन करने संबंधी जानकारी प्राप्त हुई है।

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