ःःसफलता की कहानीःः
झाबुआ 25 नवंबर 2022। मै श्रीमती रेखा कटाराग्राम राछवा विकासखण्ड रामा, जिला झाबुआ की रहने वाली हॅू मेरे पति का नाम प्रेमसिंह कटारा है समूह से जुडने के पूर्व मेरी स्थिति खराब थी। क्योकि मै मेरे पति बहुत ही कर्ज में डूबा हुआ था तो मुझे कृषि कार्य करने में बहुत परेशानी होती थी। मेरे परिवार का भरण पोषण नही हो पा रहा था। और मेरे दो बच्चे है जिनको में अच्छे से पढा नही पा रही थी। जिससे मेरी आर्थिक स्थिति बहुत प्रभावित हो रही थी व परिवार का सही संचालन नही कर पा रही थी। समूह में जुडने के बाद समूह से ऋण लेकर कृषि कार्य में लगाया फिर भी समूह की मासिक किस्त चुकाने में मुझे परेशानी आती थी। फिर समूह के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके पश्चात् मैने समूह एवं सी.सी.एल. से 50000 रूपये का लोन प्राप्त किया एवं कालीदेवी क्षैत्र में सिलाई की दुकान खेाली जिससे मेरी मासिक आय 20000 से 22000 के लगभग होती है फिर मेरे पति कृषि कार्य करते हुए वो भी अच्छा कमाते है। इस प्रकार हम दोनो की मासिक आय मिलाकर लगभग 30000 से 32000 हजार होती है जिससे मेरे परिवार का भरण पोषण एवं मेरे बच्चो की पढ़ाई सही तरीके से कवा पा ही हॅॅू मैं ग्रामीण आजीविका मिशन का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूॅ क्योकि आजीविका मिशन के कारण ही मेरे जीवन में बहुत बदलाव आया है।