भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय के चुनाव में पहली बार पार्षद पद के उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय कर दी गई है. वहीं उनके आय-व्यय का लेखाजोखा रखा जाएगा. आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग बसंत प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि नगरीय निकाय निर्वाचन में पहली बार पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय लेखा का प्रावधान किया गया है. इसके पहले महापौर एवं अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के व्यय लेखा का संधारण किया जाता था. रिटर्निंग ऑफिसर कार्यालय में निर्वाचन व्यय लेखा संधारण पर्यवेक्षण के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश भी दिये गए हैं.
खर्च सीमा तय:
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा, नगरपालिक निगम में जनगणना 2011 के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या पर आठ लाख 75 हजार और 10 लाख से कम जनसंख्या पर 3 लाख 75 हजार होगी. इसी तरह नगरपालिका परिषदों में एक लाख से अधिक जनसंख्या पर दो लाख 50 हजार, 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या पर एक लाख 50 हजार और 50 हजार से कम जनसंख्या पर पार्षदों के निर्वाचन व्यय की अधिक व्यय सीमा एक लाख रुपए होगी. नगर परिषदों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 75 हजार रुपए होगी।
इसी तरह महापौर निर्वाचन के लिए भी खर्च की सीमा तय की गई है. 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरपालिक निगमों में 35 लाख और 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगरपालिक निगमों में महापौर पद के अभ्यार्थियों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए निर्धारित हैं।
अब पार्षद भी देंगे हिसाब! नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार खर्च की सीमा तय, जानें- कितना कर सकेंगे व्यय-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग
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