अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य में बाधा ना आए के लिए चल रहे, महायज्ञ के 23 माह पूर्ण. संकट मोचन हनुमान बालाजी मंदिर गोल पाड़ा के महंत जगवीर दास तोमर ने बताया कि, यज्ञ हवन अध्यात्म में एक ऐसा साधन है, जिससे न दिखने वाला ईश्वर प्रसन्न होता है. बल्कि तन की मन की शुद्धि होती है. वातावरण की शुद्धि होती है. शास्त्रों के अनुसार यज्ञ करके उस काल के मनुष्य ने ना जाने कितनी आध्यात्मिक सिद्धियां और शक्तियां प्राप्त की. उनसे मानव जीवन को सफल बनाया. उन सिद्धियों शक्तियों से युद्ध लड़ा और विजई हुए. इसी बात को ध्यान में रखकर जब 2020 के प्रारंभ में अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के शिलान्यास का अवसर था, उसी समय कोरोना महामारी नाम की बीमारी आ गई. और शिलान्यास नहीं हो पाया, तब एक छोटे से स्थान गोल पाड़ा पर जगबीर दास तोमर के द्वारा 4 मई 2020 को यज्ञ प्रारंभ किया गया. उसका फल यह हुआ कि 5 अगस्त 2020 को माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा, मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया गया। भव्य मंदिर बनने में किसी तरह के विध्न बाधा ना आए, इसके लिए यज्ञ को अनवरत रखा गया है. अब यज्ञ को 23 माह पूर्ण हो चुके हैं. इस यज्ञ में शहर से कोई भी व्यक्ति आकर शामिल हो सकता है. यज्ञ प्रतिदिन शाम 7:00 प्रारंभ होता है, यज्ञ में 5 से 7 लोग भाग लेते हैं. यज्ञ में भाग लेने के लिए किसी भी तरह की दान दक्षिणा नहीं ली जाती है. यज्ञ में शामिल होना पूर्णतया निशुल्क है. पंडित पियूष शास्त्री द्वारा वेद मंत्रों, सुंदरकांड की चौपाइयां, हनुमान चालीसा के द्वारा, इस यज्ञ को संपन्न कराया जाता है. इस महायज्ञ की पूर्णाहुति जिस दिन अयोध्या में भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, और रामलला अपने स्थान पर विराजमान होंगे, उस दिन.