आठ महीने से धरने पर बैठे किसान की हुई मौत।जमीन गवाने के बाद आठ महीने से कर रहे थे नौकरी देने की मांग-आंचलिक ख़बरें-एजाज हुसैन

Aanchalik Khabre
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जनपद बरेली में एक किसान अपने बेटे की नौकरी आस में बीते करीब 8 महीने से धरने पर बैठा था और आखिरकार शनिवार सुबह उसकी सांसें थम गईं। लेकिन, उसकी ये आस हकीकत में तब्दील नहीं हो पाई।

दरअसल, अपनी जमीन गंवानें के बाद नौकरी की मांग को लेकर लंबे समय से जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई, वह धरने पर बैठे हैं। धरने पर बैठे एक किसान की इस दौरान हालत बिगड़ गई और उसे शनिवार अस्पताल लाया जाने लगा, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर किसानों में रोष है। वहीं, प्रसाशनिक अधिकारी ने मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।WhatsApp Image 2022 07 31 at 8.52.24 AM

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 11 दिसंबर 2021 से किसान धरने पर बैठे हैं, जिनकी जमीन का इफको प्रोजेक्ट के समय अधिग्रहण किया गया था। बताया जा रहा है कि इफको प्रबंधन ने भूमि अधिग्रहण के समय किसानों को आश्वासन दिया था कि उन्हें नौकरी दी जाएगी। इफको प्रोजेक्ट के दौरान 1132 किसानों की जमीन को अधिग्रहित किया गया था। लेकिन, प्रबंधन ने केवल 208 किसानों को नौकरी पर लगाया था, अन्य किसानों को उस समय संविदा पर लगाकर कुछ समय बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था।जिसे लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सभी किसान इफको गेट के पास धरने पर बैठे थे। भमोरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नौगवां अहिरान गांव के 65 वर्षीय किसान जय सिंह भी धरने पर बैठे थे। शनिवार सुबह करीब 11.30 बजे उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें भमोरा सीएचसी ले जाया जाने लगा। डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। रास्ते में जाते समय उनकी मौत हो गई। मृतक के परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं।

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