भितरवार के युवा को मिली पीएचडी की उपाधि-आंचलिक ख़बरें- के के शर्मा

Aanchalik Khabre
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वार्ड नं 13 का है रहवासी युवा , नगर अंचल सहित किया जिले में नाम रोशन — ।

भितरवार — कुछ लोग ऐसा काम कर जाते हैं कि वो सिर्फ अपना नाम नहीं करते बल्कि परिवार समाज के साथ देश और राज्य का नाम भी ऊंचा करते हैं । ऐसा ही एक सपूत हैं मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के भितरवार तहसील के भरत बाथम  जो कि भितरवार की कोख से पलकर अपने शैक्षणिक और सामाजिक कार्यो से बन चुके है । कई युवाओं के लिए
रोल मॉडल —

नगर सहित अंचल में किया माता पिता का नाम रोशन –

भरत बाथम पुत्र श्री सरनाम सिंह बाथम को रबिंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा कंप्यूटर साइंस में पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉस्फी) की उपाधि प्रदान की गई है। उन्होंने अपना शोधकार्य “क्लासिफिकेशन ऑफ क्लाउड कम्प्यूटिंग एंड सिक्योरिटी इस्सुस इन बिग डेटा इन्वायरमेंट” विषय पर पूर्ण किया है। यह शोध कार्य उन्होंने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.शैलजा शर्मा के निर्देशन में पूर्ण किया है। 28 मई, 2022 को पीएचडी अवार्ड का नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। गौरतलब है कि भरत बाथम ग्वालियर जिले की तहसील भितरवार के एक सामान्य परिवार के निवासी हैं जहां पर उच्च शिक्षा में इतना मुकाम हासिल करना पूरे जिले के लिए गर्व की बात है और यह
भितरवार नगर के लिए यह गौरव का विषय है की हमारे यहां भी पीएचडी किए हुए डॉक्टर हैं जो कि सामान्य निर्धन परिवार से हैं भरत बाथम वर्तमान में अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल में कंप्यूटर विषय के सहायक प्राध्यापक हैं ।

गरीब परिवार के चलते किया संघर्ष —
भितरवार वार्ड नं 13 में रहने वाले भरत बाथम ने अपनी पढ़ाई के लिए बचपन से ही संघर्ष किया है और अपने कुछ बनने के जुनून को जीवित रखा और आज मंजिल तक पहुंचे ।भरत के माता पिता ने भरत को पढ़ाने लिखाने के लिए बहुत संघर्ष किया मजदूरी की उनके अथक प्रयासों से भोपाल में जाकर के पढ़ाई की ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री पूर्ण करने के बाद पीएचडी की पढ़ाई आरंभ की माता-पिता तथा पूर्वजों के आशीर्वाद से पीएचडी पूर्ण की ।।

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