बहराइच 16 मार्च। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकारण, बहराइच की सचिव श्रीमती शिखा यादव द्वारा जिला कारागार के महिला बैरक, अस्पताल बैरक 10ए, बच्चा बैरक 10बी, आईसोलेशन वार्ड 10सी, बैरक सं.-8ए व क्वारण्टीन वार्ड-8बी का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रभारी जेल अधीक्षक आनन्द कुमार शुक्ला, डिप्टी जेलर शरेन्दु त्रिपाठी, चिकित्सक आभाष कुमार श्रीवास्तव तथा संबंधित बैरक के बन्दीगण उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान प्रभारी जेल अधीक्षक श्री शुक्ला द्वारा बताया गया कि जिला कारागार, बहराइच में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों में पुरुष बंदी 846 व महिला बंदी 56, सिद्धदोष बंदियों में पुरूष बंदी 186 व महिला बंदी 6 तथा महिलाओं के साथ रहने वाले बच्चों में 07 लड़के व 05 लड़कियां हैं। जिला कारागार में 35 पात्र बंदियो को अभी तक कोविड का बूस्टर डोज लगा है। ऐसे बंदी जिन्हे बुखार, सर्दी जैसे लक्षण होते हैं उन्हे अलग से आईसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। इसके अतिरिक्त बच्चा बैरक 10ए के बंदियों को जेल में नियुक्त दो बेसिक शिक्षकों द्वारा शिक्षण प्रदान करते हुए पाया गया।
निरीक्षण के दौरान सचिव श्रीमती यादव द्वारा उपस्थित बंदियो को उनके निःशुल्क मुकदमे की पैरवी हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। बंदी निजामुद्दीन, हनुमान, दोष मोहम्मह, घसीटे व बाबू द्वारा बताया गया कि उनके पास अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है, जिस पर निःशुल्क अधिवक्ता हेतु उनका प्रार्थना पत्र जेल पीएलवी द्वारा तैयार करवाकर कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच को प्रेषित किये जाने हेतु डिप्टी जेलर को निर्देशित किया गया। इसके अतिरिक्त बंदी बड़कन खटिक द्वारा बताया गया कि उसकी जमानत हो चुकी है किंतु प्रतिभू दाखिल न कर पाने के कारण वह अभी तक रिहा हो नहीं पाया है तथा निजी मुचलके पर रिहा किये जाने हेतु निवेदन किया गया। जिसपर मेरे द्वारा तत्काल उसका प्रार्थना पत्र संबंधित न्यायालय को प्रेषित करने उपरांत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच को प्रेषित किये जाने हेतु डिप्टी जेलर को निर्देशित किया गया।
ऐसे सिद्धदोष बन्दी जिनकी अपील माननीय न्यायालय में दाखिल नही हो पायी है, उन्हे अपनी अपील जेल अपील के माध्यम से कराये जाने हेतु सुझाव दिया गया। प्रत्येक माह आयोजित होने वाली जेल लोक अदालत के माध्यम से छोटे वादों के मुकदमे का शीघ्र निस्तारण कराये जाने हेतु प्रोत्साहित किया गया तथा प्ली बारगेनिंग व धारा 436ए दं0प्र0सं0 के बारे में बंदियों को बताया गया। बंदियो को कोरोना (कोविड-19) से बचाव हेतु दो गज की दूरी, मास्क का प्रयोग करने तथा समय-समय पर साबुन से हाथ धुलने हेतु जागरुक किया गया। इसके अतिरिक्त मेरे द्वारा जेल प्रशासन को कोरोना महामारी से बचाव हेतु जिला कारागार में निरुद्ध शेष पात्र बंदियो को जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगाये जाने, प्रतिदिन जेल परिसर का संपूर्ण सेनेटाइजेशन व जेल परिसर की साफ-सफाई, बंदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग तथा प्रत्येक बंदी मास्क अनिवार्य रुप से पहने, का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया।