आखिर जिम्मेदार क्यो हैं मौन, आर के टीसी कन्टेंकशन का पल्ला पड रह भारी।
सिंगरौली/ आर के टीसी कानटेकशन कम्पनी रेत खदान भरसेडी कारवाही से रेत लोडिंग तो हो ही रहा हैं किन्तु गाड़ियों को टीपी खजुरी व रैला के नाम काटने का सिलसिला निरंतर जारी है।वहीं एक तीर से दो निशाने ठेकेदार द्वारा सरेआम किया जा रहा है।बता दें कि टीपी कहीं और से कट रही है तो वहीं लोडिंग कहीं और से किया जा रहा है।
दरअसल करवाही खदान से रेत लोडिंग और खजुरी, रैला, खदान से टीपी का रेलमपेल खेल जोरों से चल रहा है।जिले में रेत माफियाओं का यह खेल लगभग डेढ़ माह से निरंतर चल रहा है। वहीं सिंगरौली जिले में आरके टीसी कांटेक्शन कंपनी का बोलबाला इस कदर हावी है कि जिम्मेदारों ने भी आंखें बंद कर रखा है।आरकेटीसी द्वारा सिंगरौली जिले के अंदर अंगद तरह पांव जमा कर सरेआम जीवनदायिनी नदियों का अवैध रूप से सीना चीर कर मुनाफाखोरी की जा रही है।अवैध रूप से उक्त कंपनी द्वारा खनन लोडिंग टीपी पर किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पहुंच रही है या फिर यह कहा जाए कि उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी की धाक प्रशासनिक अमला के ऊपर भी भारी पड़ रहा है जिसकी वजह से प्रशासनिक जिम्मेदार भी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि रेत खादान में तो कोई पारदर्शिता भी नहीं है।देखा जाए तो खदान की सीमा से चार गुना रेत की निकासी हो चुकी है और अभी भी पानी के बहाव से पीसी पोकलेन के माध्यम से धड़ाधड़ लोडिंग का खेल चल रहा हैं।स्वाभाविक है कि जब पानी से रेत निकलेगी तो जल स्तर का श्रोत भी नीचें जाएगा पर इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।वहीं रेत माफियाओं का भ्रष्टाचार सिंगरौली जिले में नम्बर एक पर चल रहा है।सरकार के लाख प्रयास के बाद भी रेत माफियाओं पर किसी भी प्रकार का कोई अंकुश लगता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।आखिरकार अब देखना यह होगा कि क्या अवैध रूप से किए जा रहे खनन एवं मनमानी दर पर रेत के वसूले जा रहे पैसे पर जिम्मेदारों की नजर पहुंचती है या फिर यह खेल इसी प्रकार आगे भी रेलम पेल चलता रहेगा।हालांकि यह तो आने वाला वक्त बताएगा।