भू माफिया पर नहीं हो रही कार्रवाई
चित्रकूट। जिला में इन दिनों भूमाफिया लगातार सक्रिय होते नजर आ रहे हैं एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां भू एंटी रोमियो चलाकर भू माफियाओं के हौसले पस्त कर रही है। तो दूसरी तरफ कर्वी तहसीलदार भू एंटी रोमियो को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। nh35 राष्ट्रीय राजमार्ग व भरतकूप कस्बे से लगी हुई करोड़ों रुपए की जमीन धीरे-धीरे भूमाफियाओं के कब्जे पर हो गई है वहीं राजस्व विभाग के अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना रवैया से ग्रामीण क्षेत्र की जनता का अब उच्च अधिकारियों से शिकायत करने से भरोसा उठने लगा है। सारा मामला कर्वी तहसील के ग्राम पंचायत अकबरपुर (ब) का है। जहां विगत कई वर्षों से प्रधान के द्वारा साठगांठ राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों से करके सरकार की लाखों रुपए की शासकीय भूमि को बेचने का कार्य किया जाता है । तो वही आपको बता दूं कि पूर्व प्रधान गेवी शरण के पुत्रों के द्वारा शासकीय जमीन को बेचने की शिकायत पर एसडीएम सदर कर्वी के द्वारा 420 की धारा का मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन बेदखली की कार्रवाई ना होने की वजह से भू-माफिया को इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। अब इन दिनों फिर एक बार ग्राम पंचायत की आरक्षित शासकीय जमीन पर भूमाफिया द्वारा राजस्व विभाग के जिम्मेदारों को सूत्रों की मानें तो सुविधा शुल्क देकर मना लिया गया है और अब मन मुताबिक ग्राम पंचायत की आरक्षित शासकीय जमीन पर मकान निर्माण कर कब्जा किया जा रहा है। जबकि क्षेत्रीय लेखपाल का कहना है कि जिस आरक्षित भूमि गाटा संख्या 710,711, 647 रखवा संख्या 669 पर धर्मेंद्र कुमार व जितेंद्र कुमार के द्वारा अवैध रूप से पक्का मकान निर्माण कर राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी हुई भूमि पर कब्जा कर लाखों रुपए की जमीन कब्जा करने का कार्य किया जा रहा है । उनके ऊपर लिखित रूप से उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 एक के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। जो मामला कर्वी तहसील में विचाराधीन है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि तहसीलदार से सांठगांठ होने की वजह से भूमाफिया के ऊपर सिर्फ कागजों तक ही कार्रवाई सीमित बची हुई है। और उत्तर प्रदेश की राजस्व संहिता धारा 67 एक की कार्रवाई होने के बाद भी भू माफियाओं पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा है भू माफियाओं द्वारा मकान निर्माण कार्य किया जा रहा है।
एसडीएम के निर्देश को ठेंगा दिखा रहा तहसीलदार
जबकि चित्रकूट जिला अधिकारी एवं एसडीएम के द्वारा क्षेत्र में हो रहे अवैध शासकीय भूमि पर अतिक्रमण को लेकर तहसीलदारों को समय-समय पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा रहे हैं लेकिन यह कार्रवाई तहसीलदार के कार्यालय तक दफ्तर के पन्नों में सीमित नजर आ रही है। और यही वजह है । कि क्षेत्र में शासकीय आरक्षित भूमि पर लगातार भूमाफियाओं की नजर पड़ रही है और धीरे-धीरे करके ग्राम पंचायत की एक-एक इंच जमीन भू माफियाओं के कब्जे पर होती जा रही है।
तहसीलदार आखिर कब करेंगे कार्रवाई
अकबरपुर के ग्रामीण अश्वनी कुमार का कहना है कि यदि तहसीलदार इसी तरह कार्रवाई करते रहेंगे तो वह दिन ज्यादा दूर नहीं रहेंगे जब ग्राम के विकास कार्यों सहित ग्राम पंचायत की आरक्षित भूमि सिर्फ कागजों तक सुनने को मिलेगी बाकी सब भूमि वास्तविक रुप से भू माफियाओं के कब्जे में होगी। शिकायतकर्ता ने बताया कि मेरे द्वारा जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से आरक्षित नाली की भूमि के कब्जे को लेकर शिकायत की गई लेकिन यह शिकायत सिर्फ जनसुनवाई पोर्टल में ही दम तोड़ दी वास्तविक रूप से ना तो जिम्मेदार अधिकारी ने जांच किया ना ही बेदखली की कार्रवाई की और यही वजह है कि अब ग्राम पंचायत की जमीन पर भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं। और जिम्मेदारों को जो कार्रवाई करता है उनको सुविधा शुल्क समय से कार्यालय में पहुंचा दी जाती है और यही वजह है कि कार्यवाही की जगह संबंधित जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। वही अब देखना यह है कि चित्रकूट एसडीएम व जिला अधिकारी महोदय के द्वारा ऐसे लापरवाह अधिकारियों को कब तक बिना जांच किए हुए जनसुनवाई पोर्टल को मजाक बनाने के साथ भू माफियाओं के हौसले को बुलंद करने की छूट दी जाती रहेगी या फिर ग्राम पंचायत की आरक्षित जमीन पर जो भू-माफिया कब्जा किए हैं उनको बेदखली की कार्रवाई करने की संस्तुति प्रदान करेंगे।