मांगों को लेकर सैकड़ों छात्र 30 किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

Aanchalik Khabre
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बदहाल शिक्षा व्यवस्था प्रणाली को लेकर, थांदला हाई सेकेंडरी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सैकड़ों छात्र, थांदला से 30 किलोमीटर पैदल चलकर, झाबुआ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। छात्रों ने बताया हमें छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, स्कूल ड्रेस और साइकिल भी नहीं मिल रही है, स्कूल भवन जर्जर हो रहा है, व प्रिंसिपल भी हमारे साथ अभद्र व्यवहार करते हैं, हम अपनी समस्या कलेक्टर को बताने आए हैं, हमारे भविष्य की चिंता किसी को नहीं है।
सबसे बड़ी बात है झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार है, जो कुछ दिनों पहले ही जिले के दोरे पर आए थे।
जिले में दम तोड़ती बदहाल शिक्षा प्रणाली के जिम्मेदार चाहे कोई भी हो, लेकिन इन सब का खामियाजा छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है। जिन बच्चों को पढ़ लिख कर अपना भविष्य बनाना है, वह अपनी मांगों को लेकर पैदल मार्च करने पर मजबूर हैं।
कई बार मीडिया के माध्यम से स्कूलों की बदहाल व्यवस्था पर ध्यान आकर्षित किया गया था, कई स्कूलों में बच्चे मध्यान भोजन के समय बच्चे बर्तन धो रहे हैं, कई स्कूलों की छत से बारिश में पानी गिर रहा है। स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं पहुंचते हैं। मध्यान भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर मीडिया समय-समय पर ध्यान आकर्षित करता है। लेकिन जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा बच्चों के भविष्य की चिंता ना करना, और शिक्षा प्रणाली में सुधार ना करना उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाता है। अगर जिले के उच्च अधिकारी अचानक स्कूलों का दौरा करें तो हकीकत सामने आ सकती है।

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